Body of missing loader driver found in forest after seven days

अरूण कुमार की फाइल फोटो व गमगीन परिजन
– फोटो : अमर उजाला

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जालौन जिले के कालपी में लोडर पर कानपुर देहात से सात दिन पहले भाड़ा लादकर निकला लोडर चालक लापता हो गया था। फोन से उसने परिजनों को जानकारी दी थी कि उसको लूट कर बंधक बना लिया गया है। इस पर परिजनों ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सातवें दिन बुधवार को लोडर चालक का शव कालपी कोतवाली क्षेत्र के जोल्हूपुर मदारीपुर मार्ग पर पड़ा मिला। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को बुलाकर उसकी शिनाख्त कराई और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

चालक की मौत से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। कोतवाल का कहना है कि युवक की मौत की हरबिंदु पर जांच पड़ताल की जा रही है। कानपुर देहात के देवराहट थाना क्षेत्र के भलार रसूलपुर गांव निवासी अरूण कुमार (35) लोडर चलाता था। वह 29 फरवरी को लोडर लेकर शिकोहाबाद जा रहा था। तभी उसने फोन पर पत्नी सपना देवी को सूचना दी कि उसका अपहरण कर लिया गया है। दो लोग उसे बंधक बनाए हैं। जानकारी पर पता चला कि उसकी लोडर महाराजपुर के बेना माधव गेस्ट हाउस के पास खड़ी है।

इस पर पत्नी की तहरीर पर महाराजपुर पुलिस ने लूट व अपहरण की धाराओं में रिपोर्ट दर्जकर उसकी तलाश शुरू की थी। बुधवार को उसका शव कालपी कोतवाली क्षेत्र के जोल्हूपुर मदारीपुर रोड़ पर जंगल में मिला। पुलिस ने शव की शिनाख्त कराकर परिजनों को इसकी जानकारी दी। मौके पर पहुंचे छोटे भाई अनीश कुमार ने उसकी शिनाख्त भाई अरूण के रूप में की। बताया कि वह तीन भाइयों में सबसे बड़ा था। वह लोडर चलाकर परिवार का भरण पोषण करता था। उसके चार बच्चे हैं। उसकी मौत से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। कोतवाली प्रभारी कामता प्रसाद ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। जांच पड़ताल की जा रही है।

21 वर्ष पहले इसी स्थान पर मिली थी कोचिंग संचालक की लाश

लोडर चालक का शव जहां पुलिस को मिला है। वर्ष 2003 में कोचिंग संचालक की लाश भी इसी स्थान पर पड़ी मिली थी। बताया गया कि वर्ष 2003 में कानपुर के प्रसिद्ध कोचिंग संचालक दीपेश जुनेजा की भी लाश यहीं मिली थी। एक ही स्थान पर फिर से शव बरामद होने से 21 वर्ष बाद मामला फिर सुर्खियों में आ गया है।



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