अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय पुस्तक मेला का शुक्रवार से आगाज हो गया। पहले ही दिन से पुस्तक प्रेमियों ने किताबों की खरीदारी शुरू कर दी। शुभारंभ करते हुए मंडलायुक्त विमल कुमार दुबे ने कहा कि छात्रों को पुस्तकों से मित्रता करने की जरूरत है। विद्यार्थी पुस्तकालय की सदस्यता जरूर लें। पुस्तक सिर्फ साहित्य सृजन नहीं है। वह कई विषयों की जानकारी से भी अवगत कराती हैं।

आयुक्त ने कहा कि पुस्तक लगातार नया सीखने में हमारी मदद करती हैं। अन्यथा हमारी बातें पुरानी लगने लगती हैं। इस प्रकार के पुस्तक मेला में छात्रों को साहित्यकार, प्रकाशकों, लेखकों और विचारकों से विचार-विमर्श करने का अवसर मिलता है। कुलपति प्रो. मुकेश पांडेय ने कहा कि पुस्तकों से छात्रों का सर्वांगीण विकास संभव है। नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रमों का ऐसा निर्माण किया जा रहा है कि छात्रों में क्रिटिकल और क्रिएटिव सोच को बढ़ावा दिया जा सके। आज हम अगर भारतीय संस्कृति से परिचित हैं तो इसके पीछे रामचरितमानस, रामायण, भगवत गीता आदि पुस्तकों का महत्वपूर्ण स्थान है। मुख्य वक्ता कथाकार महेश कटारे ने कहा कि उनका जीवन पुस्तकों के बीच बीता है। वह लिखने के साथ लगातार पढ़ते भी रहते हैं। छात्रों से आह्वान किया कि कम से कम अपने जेब खर्च का कुछ प्रतिशत पुस्तकों को खरीदने में इस्तेमाल करें। पुस्तकें हमारी स्मृतियों को फिर से जागृत करने का काम करती हैं। प्रसिद्ध गजलकार काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी के हिंदी विभागाध्यक्ष वशिष्ठ अनूप द्विवेदी ने कहा कि कक्षाओं में यदि छात्र बेहतर करते हैं तो उन्हें शिक्षकों को पुस्तक देकर सम्मानित करना चाहिए। किताबें हमारी दुनिया को बड़ा बना देती हैं। उनसे प्राप्त ज्ञान हमें और अधिक समृद्ध होने में सहायता करता है। किताबें जहां हमें दुनिया की सैर कराती हैं वहीं, आदमी को पहचानने में भी मदद करती हैं। कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने कहा कि हमें प्रयास करना चाहिए कि हम अपने घर में एक निजी पुस्तकालय बनाएं। जीवन में कुछ भी पढ़ा-लिखा व्यर्थ नहीं जाता है। इस दौरान कला संकायाध्यक्ष प्रो. मुन्ना तिवारी, प्रो. पुनीत बिसारिया, डॉ. अचला पांडेय, डॉ. नवीन चंद्र पटेल, डॉ. श्रीहरि त्रिपाठी, प्रो. प्रतीक अग्रवाल, डॉ. संतोष पांडेय, डॉ. प्रशांत मिश्रा मौजूद रहे।

अमर उजाला का भी लगा है स्टॉल

पुस्तक मेला में कई प्रकाशकों के स्टॉल पहले दिन से ही लगने शुरू हो गए। अमर उजाला की तरफ से भी स्टॉल लगाया गया है। पहले ही दिन से स्टॉल पर पुस्तक प्रेमियों की भीड़ उमड़ने लगी। किताबें लोगों को खूब भायीं।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *