उरई। जिले के जन औषधि केंद्रों पर जेनेरिक के बजाय ब्रांडेड दवाएं बिक रही हैं। शनिवार को एक व्यक्ति ने इसकी शिकायत महिला अस्पताल के सीएमएस से की। सीएमएस ने पहले तो मरीज से कहा कि वह अस्पताल के काउंटर से ही दवा खरीदें। इस पर मरीज ने कहा कि जन औषधि केंद्र अस्पताल परिसर में है। इस पर सीएमएस ने जांच के लिए दो डॉक्टरों की टीम गठित कर दी है।

मरीजों को सस्ती दरों पर अच्छी क्वालिटी की दवाएं उपलब्ध कराने के लिए मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, महिला अस्पताल और सीएचसी परिसर में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोले गए हैं। इन केंद्रों पर लोगों को बाजार मूल्य से बहुत कम दामों में दवा उपलब्ध कराने का दावा किया गया है। ऐसे में इन केंद्रों के संचालक जेनेरिक के साथ ब्रांडेड कंपनी की दवाओं की बिक्री कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं।

शनिवार को सीएमएस कार्यालय पहुंचे शहर के मोहल्ला पटेलनगर निवासी प्रेमनारायण शर्मा ने बताया कि वह अपने बेटे का इलाज कराने जिला अस्पताल आए थे। चिकित्सक को दिखाने के बाद जब वह दवा लेने जन औषधि केंद्र पहुंचे तो जेनेरिक की जगह उन्हें ब्रांडेड कंपनी की महंगी दवाएं दीं। मांगने पर रसीद भी नहीं दी। उन्होंने सीएमएस को यह भी बताया कि एक साल पहले भी इसी तरह उन्हें महंगी दवाई दी थी। इस पर उन्होंने तत्काल सीएमएस जेजे राम से शिकायत की थी तो कुछ समय तो मामला ठीक चला लेकिन फिर से पुराना ढर्रा शुरू हो गया है।

हालांकि सीएमएस ने तर्क दिया कि उन्हें अस्पताल के दवा काउंटर से निशुल्क दवाएं लेनी चाहिए थी। इस पर तीमारदार ने कहा कि पहले आप जन औषधि केंद्र संचालकों की मनमानी पर लगाम लगाइए। हालांकि बाद में सीएमएस डॉ. आनंद उपाध्याय ने कहा कि उन्होंने मामले की जांच के लिए डॉ. जेजे राम व डॉ. एके पांडेय की अगुवाई में टीम गठित कर दी है।

मेडिकल कॉलेज में नहीं रुक पा रहीं ब्रांडेड दवाओं की बिक्री

उरई। मेडिकल कॉलेज परिसर में स्थित जन औषधि केंद्र में जैनरिक दवाएं न मिलकर ब्रांडेड दवाएं दवाएं दी जा रहीं हैं। हालत यह है कि एक रुपये के पर्चे में प्रति व्यक्ति पांच सौ रुपये तक की दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं। शनिवार को जब इसकी पड़ताल की गई, तो पता चला कि जैनरिक दवाएं केवल देखने के लिए रखीं गई हैं, बाकी खपत ब्रांडेड दवाओं की हो रही है। इसमें कई डॉक्टर भी शामिल हैं।

फोटो – 25 मुस्ताक।

शहर के मोहल्ला बघौरा निवासी मुस्ताक ने बताया कि वह बेटी को दिखाने आए हैं। डॉक्टर ने दवाएं लेने के लिए कहा। जब वह सरकारी दवा केंद्र पर गए तो वहां नहीं मिली। जब वह जन औषधि केंद्र में पहुंचे तो उन्हें जो दवा दी गई, वह जेनेरिक नहीं थी। वह कंपनी की दवा थी। वह अंदर लेकर पहुंचे तो डॉक्टर ने बताया कि यह दवा तो लोकल है। अब वह इसे वापस करने आए हैं।

फोटो – 26 जय प्रकाश

पचोखरा निवासी जय प्रकाश ने बताया कि वह मेडिकल कॉलेज में आए थे। डॉक्टर ने उन्हें दवा लेने के लिए कहा तो सरकारी काउंटर पर नहीं थी। इस पर वह जनऔषधि केंद्र पर पहुंचे तो उन्होंने ब्रांडेड दवाएं दे दी गईं। पूछने पर पता चला कि यही मिलेगी। यही कारगर भी है, जन औषधि की दवा यही होती है। इसके बाद उन्होंने वही दवा ले ली है।

फोटो - 25 मुस्ताक।

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