
पाकिस्तान में आतंकी ठिकाने नष्ट करने पर वर्ष 1971 के युद्ध की जीत ताजा हो गईं। इसमें वीर सपूत फ्लाइट लेफ्टिनेंट मनोहर पुरोहित पाकिस्तान में बम बरसाकर देश लौट नहीं पाए। लौटते वक्त बॉर्डर पर इनका विमान क्रैश होकर भारतीय क्षेत्र में गिरा। वर्ष 1972 में पाकिस्तान से आई चिट्ठी से इनके युद्ध बंदी होने का पता चला। वापसी के लिए इनकी वीरांगना के सारे जतन बेकार गए। मगर, उम्मीद टूटी नहीं है और 54 साल से इनका सिंदूर सुहाग के इंतजार में है।