यूपी के रायबरेली में अधिकारियों के सिग्नेचर हैक करके नगर पालिका के खाते से 3.17 करोड़ रुपये का गबन करने वाले कंप्यूटर ऑपरेटर को क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ इसके भाई को भी गिरफ्तार किया गया है। टीम ने दोनों को शाहजहांपुर से पकड़ा है।

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आरोपी ने वर्ष 2022 में डिजिटल सिग्नेचर और अन्य दस्तावेजों की मदद से प्रधानमंत्री स्वच्छता अभियान का 3.17 करोड़ रुपया सीतापुर और लखनऊ की बैंकों में ट्रांसफर कर लिया था। पुलिसिया पूछताछ में आरोपी ने पूरा सच उगल दिया। पैसा दोबारा पालिका के खाते में ट्रांसफर करा दिया गया है।

मामला नगर पालिका रायबरेली का है। यहां पकड़िया हाकिम, थाना पुवांया, शाहजहांपुर निवासी विक्रम शर्मा की वर्ष 2022 में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर नियुक्ति हुई थी। इस दौरान उसने प्रधानमंत्री स्वच्छता अभियान के रिकार्ड में गड़बड़ी की। साथ ही अधिकारियों की गोपनीय जानकारी हासिल कर ली। इस पर उसे जेल भेज दिया गया था। जेल से छूटने के बाद वह अपने भाई जसवंत शर्मा की मदद से नगर पालिका परिषद के अधिकारियों के हैक किए गए डिजिटल सिग्नेचर और उनके आधार कार्ड की मदद से 3.17 करोड़ सीतापुर और लखनऊ की बैंकों में ट्रांसफर कर लिए। 

आरोपियों को शाहजहांपुर से गिरफ्तार किया गया है

मामले में 25 अक्टूबर 2023 को ईओ स्वर्ण सिंह ने सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया। एसपी डॉ. यशवीर सिंह ने क्राइम ब्रांच की टीम को आरोपी को पकड़ने के लिए लगाया। अब पुलिस ने विक्रम शर्मा और उसके भाई जसवंत शर्मा को शाहजहांपुर से गिरफ्तार कर लिया है। 

एएसपी संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि अस्थाई रूप से नगर पालिका में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर काम करने वाले विक्रम शर्मा ने शातिर ढंग से अधिकारियों की गोपनीय जानकारी हासिल की। इसके बाद 3.17 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर लिए। क्राइम ब्रांच ने विक्रम और उसके भाई जसवंत को गिरफ्तार कर लिया है। नगर पालिका का 3.17 करोड़ रुपया भी रीट्रांसफर करा दिया गया है।

इन फर्मों में भी भेजी गई थी धनराशि

बैंक से जानकारी मिली थी कि तीन बार में 3.17 करोड़ रुपये की धनराशि ट्रांसफर हुई है। इसमें फर्म अनेकता में एकता क्रांति मंच के खाते में 98 लाख 65 हजार 987 रुपये, 99 लाख 56 हजार 895 रुपये और न्यू रॉयल इंटरप्राइजेज के खाते में एक करोड़ 20 लाख 68 हजार 975 रुपये भेजे गए। खास बात ये है कि नगर पालिका अध्यक्ष और ईओ की ओर से इन फर्मों को कोई भुगतान नहीं किया गया था।

सीतापुर व लखनऊ की बैंकों में भेजे गए थे रुपये

जिन फर्मों के खाते में पैसा भेजा गया, वे नगर पालिका में काम नहीं करती हैं। एक करोड़ 98 लाख से ज्यादा धनराशि सीतापुर के स्टेशन रोड नई बस्ती स्थित बैंक ऑफ इंडिया के खाते में और एक करोड़ 20 लाख से ज्यादा रुपये आईसीआईसीआई बैंक लखनऊ के खाते में भेजे गए। लखनऊ की बैंक के खाते से दो बार में 15 लाख रुपये निकाले गए।



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