– जैसे ही प्रो. काव्या दुबे का नाम पढ़ा वैसे ही शुरू हो गई चर्चा
– कुलसचिव ने कहा कोर्ट के आदेश पर खोला गया है लिफाफा
– देर तक तक बीयू प्रशासन ने जारी नहीं किया नियुक्ति का पत्र
अमर उजाला ब्यूरो
झांसी।
बुंदेलखंड विवि (बीयू) में शनिवार को हुई एक्जीक्यूटिव काउंसिल (ईसी) की बैठक में शिक्षा संकाय के प्रोफेसर पद पर नियुक्ति का लिफाफा खोला गया। जैसे ही काउंसिल की बैठक में लिफाफा खोलकर प्रो. काव्या दुबे का नाम पढ़ा गया वैसे ही पूरे बीयू परिसर में तरह-तरह की चर्चा होने लगी। वहीं, मामले की गंभीरता भांपकर बीयू प्रशासन ने रात तक नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया।
बीयू के शिक्षा संकाय में प्रोफेसर पद की नियुक्ति को लेकर काफी समय से विवाद चला आ रहा है। जिसको लेकर कई बार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) विरोध प्रदर्शन कर चुका है। विगत एक्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक के दौरान कुलपति कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया गया था। मौके पर पहुंचे कुलपति ने बताया था कि शिक्षा संकाय का लिफाफा नहीं खोला गया है जिसके बाद धरना-प्रदर्शन खत्म हुआ था।
बीयू प्रशासन ने बताया कि एक्जीक्यूटिव काउंसिल में शिक्षा संकाय का लिफाफा नहीं खुलने का मामला पहुंचा तो अदालत ने कुलपति को 15 दिन के अंदर लिफाफा खोलने के आदेश दिए। जिसके मद्देनजर शनिवार को हुई एक्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में लिफाफा खोला गया है। बीयू प्रशासन का कहना है कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर कोर्ट की अवहेलना होती, इसलिए लिफाफा खोला है।
कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने बताया कि शिक्षा संकाय का लिफाफा खोला गया है मगर उसमें लिखे नाम का नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया है। यदि लिफाफा नहीं खोला जाता तो कोर्ट के आदेश की अवहेलना होती।
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बीयू ने अंगीकार की शासन की नियमावलियां
झांसी। एक्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में बीयू ने शासन की नियमावलियों को अंगीकार कर लिया है। कुलसचिव ने बताया कि अभी तक बीयू की कोई नियमावली नहीं थी। जब कोई आदेश, अनुशासनात्मक कार्रवाई, पदोन्नति, वरिष्ठता सूची आदि जारी करनी होती थी, तो शासन के नियमों का हवाला दिया जाता था। ब्यूरो