
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : एएनआई
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धान की कटाई के बाद उसके बचे अवशेष (पराली) में कुछ किसान आग लगा देते हैं। शासन ने इस पर पूर्णत रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं, साथ ही पराली जलाने वालों पर जुर्माना लगाने को कहा है। बदायूं जिले में एक केस पराली जलाने का सामने आया था, वह भी संभल जिले के किसान का था। प्रशासन के अनुसार, एचपीसीएल प्लांट को पराली बेचकर किसान अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं। खेतों में पराली न जलाएं। ऐसा करने पर संबंधित व्यक्ति पर कार्रवाई भी हो सकती है।
केंचुआ को किसानों का दोस्त माना जाता है, क्योंकि वह जमीन को भुरभुरा बनाता है। जिससे उसकी उर्वरा शक्ति बढ़ती है, लेकिन पराली जलाने से केंचुआ समेत अन्य बैक्टीरिया मर जाते हैं। इससे फसल की पैदावार पर असर पड़ता है, साथ ही पर्यावरण भी प्रदूषित होता है। इसको ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने पराली जलाने पर रोक लगा दी है। इसमें दो हजार से लेकर 15 हजार रुपये तक जुर्माना तय किया गया है।
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