
बजट सत्र- 2024
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चुनाव की दहलीज पर खड़ी मोदी सरकार के अंतरिम बजट में रेल बजट पर व्यापारी ही नहीं वरिष्ठ नागरिक भी राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं। रेल बजट में 60 साल से अधिक उम्र के नागरिकों को किराया में 40% छूट की मांग कर रहें। व्यापारी संगठन भी इसके समर्थन में हैं। वहीं, एक देश एक लाइसेंस प्रणाली की मांग भी व्यापारियों ने उठाई है।
वित्त वर्ष 2023- 24 के बजट में सरकार की घोषणाएं पूरी तरह धरातल पर नहीं उतर सकीं। बल्कि वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराए में झटका लगा। आयकर की सीमा और जीएसटी की पेचीदगियां कम न हुईं। ऐसे में बृहस्पतिवार को सदन में वित्त मंत्री अंतरिम बजट पेश करेंगे। उनके बजट में किस वर्ग के लिए क्या होगा। ये चुनावी बेला में देखना दिलचस्प होगा।
बुजुर्ग को मिले रेल किराए में छूट
पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष निधि अग्रवाल ने बताया कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के यात्रियों को रेल यात्रा के समय 40% की छूट दी जाती थी। कोरोना काल में सीनियर सिटीजन से यह छूट वापस ले ली गई थी। जिसे इस बजट में बहाल किया जाए।
एक टैक्स है तो एक लाइसेंस प्रणाली हो
पश्चिमी उ प्र संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल के जिला महामंत्री मनोज अग्रवाल ने कहा कि एक देश एक कानून, एक देश एक टैक्स, तो एक व्यापारी एक लाइसेंस प्रणाली क्यों लागू नहीं होती। बजट में पेट्रोल डीजल पर जीएसटी के दायरे में लाने की घोषणा होनी चाहिए।
10 लाख तक आय पर मिले छूट
आगरा व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष जय पुरसनानी ने कहा कि10 लाख तक की आय आयकर मुक्त हो। ऊपर की दर 25 % की जाये। केवल तीन स्लैब हो 10-15-25 और 65 वर्ष की आयु के आयकर दाताओं को उसके कर के आधार पर पेंशन दी जाए।