
लेदर इंडस्ट्री को मिलेगा बढ़ावा।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
लंबे समय से लेदर सेक्टर को जो उम्मीद थी, वह मंगलवार को पूरी हो गई। लेदर पर 10 फीसदी आयात शुल्क खत्म कर दिया गया। वेट ब्लू और क्रस्ट लेदर पर निर्यात शुल्क 40 फीसदी से घटाकर 20 फीसदी कर दिया गया। लेदर सेक्टर में यूपी का डंका बजता है। ये फैसला वैश्विक बाजार में यूपी के लेदर उत्पादों की धाक और बढ़ाएगा। लागत में छह फीसदी की कमी आएगी। चर्म निर्यात परिषद के चेयरमैन के मुताबिक कम से कम 25 फीसदी निर्यात बढ़ जाएगा, जो करीब 3000 करोड़ रुपये होगा।
Trending Videos
यूपी में कानपुर, लखनऊ और आगरा लेदर के प्रमुख क्लस्टर हैं। करीब 150 साल पुराने इस उद्योग की मांग थी कि भारी भरकम आयात शुल्क और निर्यात शुल्क सेक्टर की कमर तोड़ रहा है। चीन, वियतनाम, बांग्लादेश और पाकिस्तान लगातार चुनौती बने हुए हैं। इस फैसले ने घरेलू लेदर कारोबारियों को भारी राहत दे दी।
सीएलई चेयरमैन आर के जालान के मुताबिक निर्यात शुल्क के मोर्चे पर वेट ब्लू और क्रस्ट लेदर पर निर्यात शुल्क 40 से घटाकर 20 फीसदी कर दिया गया है। इससे वैल्यू एडेड चर्म निर्यात में सुविधा होगी, क्योंकि वैश्विक बाजार में इसकी भारी मांग है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार भविष्य में क्रस्ट लेदर के लिए निर्यात शुल्क को 20 से घटाकर शून्य कर देगी। ऐसा करने से अगले तीन वर्ष में मूल्यवर्धित चमड़े का निर्यात एक अरब अमेरिकी डॉलर हो सकेगा।
सरकार का आभार जताते हुए कहा कि ये चर्म और फुटवियर क्षेत्र द्वारा 4.69 अरब डालर के निर्यात को अगले पांच साल में 13.7 अरब डालर पहुंचाने में मदद करेगा। लेदर और फुटवियर उद्योग में लगभग 40 फीसदी श्रमिक महिलाएं हैं। कामकाजी महिला छात्रावासों की स्थापना, महिला-विशिष्ट कौशल कार्यक्रमों के लिए समर्थन की घोषणा से इस क्षेत्र में महिला कार्यबल में और वृद्धि होगी।