Budget 2025 Expectation of tax concessions promotion of health services Demand from Finance Minister

बजट के साथ केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण।
– फोटो : ANI

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मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार सुबह 11 बजे संसद में आम बजट पेश करने जा रही हैं। शहर के लोगों ने इस बजट से टैक्स रियायतों की उम्मीदें बांध रखी हैं। 10 लाख रुपये तक की आय करमुक्त करने और स्वास्थ्य सेवाओं के साथ, कृषि, शिक्षा और उद्योग के लिए बड़े फैसले लेने की मांग वित्त मंत्री से की गई है। व्यापारी जहां पेंशन की आस पाले हुए हैं तो वरिष्ठ नागरिकों को रेल यात्रा में छूट की दरकार है। हर वर्ग ने अपने लिए वित्त मंत्री के पिटारे से रियायतों को मांगा है।

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एक देश, एक हेल्थ स्कीम

सीनियर सर्जन डॉ. संजय कुलश्रेष्ठ ने बताया कि जैसे एक देश, एक टैक्स है, वैसे ही एक देश, एक हेल्थ स्कीम हो। आयुष्मान योजना को राज्यों की स्वास्थ्य योजना से जोड़ देना चाहिए ताकि हर योजना में अलग अलग पैसा खर्च न हो। ऑक्सीजन पर 12 फीसदी जीएसटी हटाकर इसे शून्य या 5 फीसदी स्लैब में लाया जाए। आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. शरद गुप्ता का कहना है कि मेडिकल हेल्थ इंश्योरेंस पर 18 फीसदी जीएसटी क्यों लिया जा रहा है, जबकि यह मरीज पर वित्तीय बोझ बढ़ा रहा है। इसे शून्य किया जाए या 5 फीसदी स्लैब में हो। सरकार ने बीमा पॉलिसी को कमाई का जरिया बना लिया है। जान बचाने वाली दवाओं पर टैक्स शून्य हो। 

आयकर स्लैब में बड़े बदलाव की उम्मीद

कर विशेषज्ञ सीए दीपिका मित्तल ने बताया कि आयकरदाताओं को व्यक्तिगत छूट की सीमा 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख तक मिलनी चाहिए। वरिष्ठ नागरिकों को बचत योजनाओं पर छूट चाहिए। स्वास्थ्य बीमा योजना में टैक्स छूट मिलने का फैसला हो तो कवरेज एरिया बढ़ जाएगा। आगरा शू मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जितेंद्र त्रिलोकानी ने बताया कि बुरे दौर से गुजर रहे आगरा के जूता उद्यमियों को इस बजट से काफी आस है। एक हजार रुपये से कम के जूते पर 12 की जगह 5 फीसदी जीएसटी किया जाए, अन्यथा जूता उद्योग पटरी पर नहीं लौट पाएगा।

सीनियर सिटीजन के लिए छूट की सीमा बढ़े

आयकर विशेषज्ञ दीपक माहेश्वरी का कहना है कि आयकर में धारा 80 डी के तहत सीनियर सिटीजन की छूट एक लाख रुपये तक की जाए, वहीं सोने पर आयात शुल्क में कमी की भी जरूरत है। इंश्योरेंस पर जीएसटी की दर 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी पर लाई जाए। टैक्स विशेषज्ञ रुचि अग्रवाल ने बताया कि आयकर छूट के साथ आम आदमी के लिए स्वास्थ्य सेवाएं जरूरी हैं। बजट में इन प्रावधानों की सख्त जरूरत है। महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए विशेष योजनाओं को शुरू कराया जाए ताकि अर्थव्यवस्था पर इनका असर नजर आ सके।

 



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