Building collapse in Lucknow still a mystry.

ट्रांसपोर्ट नगर में ढही इमारत। (फाइल फोटो)
– फोटो : amar ujala

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सात सितंबर को ट्रांसपोर्ट नगर में तीन मंजिला कामर्शियल बिल्डिंग अचानक क्यों ढही? इसकी असली वजह सामने आने में अभी और वक्त लगेगा। हालांकि, वजह तलाशने के लिए चार जांच समितियां बनीं। इसमें दो की रिपोर्ट आ चुकी है, मगर निष्कर्ष नहीं निकला। अब जिन दो जांच समितियों की रिपोर्ट आनी बाकी है उसी से यह पता चलना है कि असली वजह क्या थी।

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बिना आंधी, तूफान और भूकंप के तीन मंजिला बिल्डिंग ढहने के कारणों का पता लगाने के लिए मंडलायुक्त के निर्देश पर आठ सितंबर को सबसे पहले पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता भवन सीपी गुप्ता व अधीक्षण अभियंता जेपी सिंह ने मौके पर जांच की। इसकी रिपोर्ट आ चुकी है, जिसमें बताया गया था कि बिल्डिंग के बीम कमजोर थे, ऊंचाई अधिक थी और चौड़ाई कम। आगे की ओर जो निर्माण बाद में किया गया, उसमें बीम कालम (फ्रेम स्ट्रक्चर) बनाकर अतिरिक्त निर्माण किया गया।

आठ सितंबर को शासन ने उच्चस्तरीत जांच समिति बना दी थी। इसमें सचिव गृह संजीव गुप्ता को अध्यक्ष और आवास आयुक्त व सचिव आवास एवं शहरी नियोजन बलकार सिंह व मुख्य अभियंता पीडब्ल्यूडी मध्य क्षेत्र विजय कनौजिया को सदस्य बनाया गया। आठ सितंबर को टीम ने मौके पर जाकर जांच की, लेकिन समिति की रिपोर्ट एक महीने बाद भी अभी नहीं आई है। समिति अभी तक एलडीए के ही दस्तावेजों की जांच कर रही है। इसमें कई खामियां भी मिली हैं और अफसरों की गर्दन फंस रही है।

शासन की समिति गठित होने के बाद 10 सितंबर को एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने प्रारंभिक जांच को लेकर एक समिति अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा की अध्यक्षता में बनाई थी। इसमें मुख्य नगर नियोजक केके गौतम, अधिशासी अभियंता अजय गोयल, उप सचिव अतुल कृष्ण सिंह सदस्य व उप सचिव माधवेश कुमार को सदस्य व संयोजक बनाया गया था। इस समिति ने जांच कर रिपोर्ट दो दिन बाद भेजी दी, मगर अब बिल्डिंग क्यों ढही यह वजह अब तक साफ नहीं की जा सकी।

गुजरात फोरेंसिक टीम की जांच रिपोर्ट खोलेगी राज

शासन की उच्चस्तरीय टीम गठित होने के बाद एलडीए ने जांच को लेकर गुजरात फोरेंसिक विश्वविद्यालय से टीम बुलाई। टीम ने दो दिन तक यहां पर रहकर जांच की। कालम-बीम के अलावा ईंट, सरिया और अन्य निर्माण सामग्री देखी थी। आसपास की बिल्डिंग को भी देखा। टीम के निर्देश पर एलडीए की ओर से बिल्डिंग की बीम और कालम सहित अन्य निर्माण सामग्री के नमूने भी जांच के लिए वहां करीब 10 दिन पहले पहले भेजे गए हैं। सूत्रों ने बताया कि शासन की समिति भी गुजरात फोरेंसिक टीम की जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। जब उसकी रिपोर्ट मिलेगी, तब वह अपनी रिपोर्ट देगी।



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