
अस्पताल में की गई तोड़फोड़।
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बर्लिंग्टन चौराहे के पास अवैध तरीके से बने माफिया मुख्तार अंसारी के करीबी बिल्डर के एफआई अस्पताल पर शुक्रवार को एलडीए का बुलडोजर चला। बुलडोजर और पोकलैंड मशीनों के अलावा 48 श्रमिक ध्वस्तीकरण की कार्रवाई में लगाए गए थे। श्रमिकों ने फर्श और दीवारों को तोड़ दिया। वहीं, मशीनों ने अस्पताल परिसर को खंडहर में तब्दील कर दिया। इस बीच बिल्डर ने हाईकोर्ट में अर्जी दी। कोर्ट ने दो सप्ताह तक कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
हाईकोर्ट ने बिल्डर को मंडलायुक्त कोर्ट में अपील करने के लिए कहा है। बिल्डर की ओर से मंडलायुक्त कोर्ट में अर्जी दी जाएगी। अगर वहां से बिल्डर को राहत नहीं मिलती है, तो दो सप्ताह बाद फिर से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू होगी। एलडीए के अधिकारी एफआई अस्पताल के बाहर शुक्रवार सुबह से ही मुस्तैद हो गए। सुरक्षाकर्मियों ने एनाउंस कर परिसर में मौजूद लोगों को बाहर निकलने के लिए कहा। लोगों को वहां से हटाने के बाद बुलडोजर चलना शुरू हो गया। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात रहे। हाईकोर्ट के स्टे ऑर्डर के बाद कार्रवाई रोक दी गई।
एलडीए की ओर से पांच दिसंबर को नोटिस जारी कर एफआई अस्पताल को दस्तावेज दिखाने के लिए कहा गया था। एलडीए वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि अस्पताल संचालक की ओर से कोई दस्तावेज पेश नहीं किया गया। जवाब नहीं मिलने पर एलडीए ने 24 दिसंबर को अस्पताल सील कर दिया था। एलडीए ने ध्वस्तीकरण का नोटिस भी चस्पा किया था। समय पूरा होने के बाद शुक्रवार को कार्रवाई शुरू की गई। इस दौरान एफआई टॉवर में रहने वाले लोग बालकनी से पूरी कार्रवाई देखते नजर आए। आवंटियों के चेहरे पर चिंता साफ झलक रही थी।
सील खोलकर छात्रों का सामान निकलवाया गया
एलडीए की ओर से कार्रवाई शुरू करने से पहले सील को खोला गया। इसके बाद फार्मासिस्ट और नर्सिंग के छात्रों का हॉस्टल में बंद सामान निकलवाया गया। कुछ छात्रों ने अफसरों से इस संबंध में गुहार लगाई थी। इससे पहले बृहस्पतिवार रात में अधिकारियों ने अस्पताल को खाली कराया था। कार्रवाई के दौरान बिजली आपूर्ति रोक दी गई। हॉस्टल के पास ही ट्रांसफार्मर रखा था, जिसे हटा दिया गया। बिजली काटे जाने से इलाके के लोगों को करीब पांच घंटे परेशानी का सामना करना पड़ा। कार्रवाई बंद होने के बाद बिजली कनेक्शन जोड़ा गया।
जाली मानचित्र पर बना लिया अस्पताल
एफआई कॉम्प्लेक्स का मानचित्र जाली पाया गया। इसी कॉम्प्लेक्स में एफआई अस्पताल बना लिया गया। फर्जी मानचित्र को लेकर गोमतीनगर थाने में केस दर्ज हुआ था। अस्पताल परिसर में बिल्डर ने सात दुकानें भी बना रखी थीं। इसी को लेकर एलडीए ने कार्रवाई की है।