
पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने किया खुलासा।
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चीनी कारोबारी सूरज गुप्ता की जान सूदखोरी की रकम के चक्कर में चली गई। कपड़ा व्यवसायी साथी ने अपने नौकर संग मिलकर उसे ठिकाने लगाने की योजना बनाई। फोन कर घर से बुलाया, फिर लखनऊ हाईवे पर ले जाकर शराब पिलाई और तार से गला घोंटकर मौत की नींद सुला दी। कपड़ा व्यापारी राम नेवटिया ने चीनी कारोबारी सूरज से ब्याज पर 65 हजार रुपये लिये थे जो रकम बढ़कर डेढ़ लाख हो गई थी। इसी के तकादे से आजिज आकर उसने हत्या की घिनौनी साजिश को अंजाम दे डाला। दोनों हत्यारोपियों की गिरफ्तारी के साथ प्रयुक्त कार व तार पुलिस ने बरामद कर लिया।
पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने बताया कि कोतवाली नगर क्षेत्र के रानीबाजार के रहने वाले कारोबारी सूरज गुप्ता पुत्र धर्मप्रकाश गुप्ता की हत्या कर शव को गोंडा-लखनऊ हाइवे पर लालपुर चंद्रभान गांव के सम्मय माता मंदिर के पास फेंक दिया गया था। उसके शरीर व चेहरे पर चोट के निशान पाए गए थे। पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर तफ्तीश शुरू की। पुलिस ने सूरज के मोबाइल नंबर का सीडीआर निकाला तो कई लोगों से बातचीत व दोस्तों के नंबर मिले। जिसके आधार पर पुलिस ने सूरज के दोस्त कपड़ा व्यापारी रानीबाजार निवासी राम नेवटिया और उसकी दुकान के नौकर बड़गांव मोहल्ला निवासी शिवा कनौजिया को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो राम ने बताया कि उसने अपने दोस्त सूरज गुप्ता से 65 हजार रुपये सूद पर लिए थे, जिसकी रकम बढ़कर डेढ़ हो गई थी। उसके पास पैसे नहीं थे और सूरज उससे मूलधन के संग ही सूद की रकम के लिए दबाव बना रहा था। सूरज के रोज-रोज के तकादे से वह आजिज आ चुका था इसलिए अपने दुकान के नौकर शिवा के संग मिलकर सूरज की हत्या की रणनीति बनाई।
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एसपी के मुताबिक रणनीति के तहत दोनों ने कार में बैठाकर सूरज को शराब पिलाई। इसके बाद गोंडा-लखनऊ हाइवे पर सुनसान स्थान पर कार रोककर सूरज का नाक मुंह दबाया। इसी दौरान कार की पिछली सीट पर बैठे शिवा ने सूरज का गला तार से लपेटकर घोंट दिया जिससे उसने दम तोड़ दिया। इसके बाद दोनों शव ठिकाने लगाने के लिए बालपुर की तरफ गए। मगर सुनसान स्थान नहीं मिला तो वापस लौटे और हाइवे के समीप लालपुर चंद्रभान गांव में सम्मय माता मंदिर के पास शव फेंक फरार हो गए। एसपी ने बताया कि दोनों के पास से हत्या में प्रयुक्त कार व तार बरामद कर लिया गया है।
पहले भी दोनों में हो चुकी थी तकरार
हत्या से कई दिन पहले भी मूलधन व सूद की रकम वापस करने को लेकर सूरज की राम से तकरार हो चुकी थी। राम ने पिछले कुछ माह से सूद की रकम देनी बंद कर दी थी। सूरज जब उससे सूद की रमक मांगता था तो वह कोई न कोई परेशानी बताकर उसे टालता रहता था। इसको लेकर दोनों पहले भी कई बार तकरार हो चुकी थी।