CAA: Leave of policemen cancelled, increased vigilance in the entire state

यूपी पुलिस
– फोटो : सोशल मीडिया

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केंद्र सरकार द्वारा समान नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) की अधिसूचना जारी होने की संभावना के दृष्टिगत प्रदेश पुलिस ने 15 दिन पहले से तैयारी शुरू कर दी थी। सभी कमिश्नरेट और जिलों में पुलिसकर्मियों को दंगा आदि से निपटने का प्रशिक्षण देने के साथ उपकरणों से भी लैस किया जा रहा था। पिछली बार इसे लागू करने की कवायद के दौरान करीब डेढ़ दर्जन जिलों में हुए हिंसक प्रदर्शन में 20 लोगों की मौत की वजह से इस बार खास सतर्कता बरती जा रही है।

बता दें कि सोमवार को सीएए की अधिसूचना जारी होने से पहले डीजीपी मुख्यालय के निर्देश पर सभी कमिश्नरेट और जिलों में पुलिसकर्मियों के अवकाश निरस्त करने का आदेश भी जारी कर दिया गया। आदेश में उन पुलिसकर्मियों को भी अवकाश से तत्काल वापस बुलाने को कहा गया, जो विभिन्न वजहों से छुट्टी पर हैं। तमाम संवेदनशील जिलों में तो एहतियात के तौर पर सुरक्षा बढ़ाने के साथ अवकाश पर गए पुलिसकर्मियों को सोमवार शाम छह बजे तक अपनी तैनाती के स्थान पर आमद करने का आदेश जारी कर दिया गया है। उन्हें केवल विषम परिस्थिति में उच्चाधिकारी की अनुमति से अवकाश मिल सकेगा। वहीं पुलिस अधिकारियों की मानें तो प्रदेश में करीब 3-4 हजार शरणार्थी रहते हैं। हालांकि यह संख्या अनुमानित है।

पुलिस ने संभाला मोर्चा

केंद्र सरकार द्वारा सोमवार को सीएए की अधिसूचना जारी होने के बाद सतर्कता बढ़ा दी गयी। दंगारोधी उपकरणों के साथ पुलिस सड़कों पर फ्लैग मार्च करने लगी। डीजीपी मुख्यालय के अधिकारी पूरे प्रदेश से लगातार पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। वहीं पुलिस ने सोशल मीडिया पर भी पैनी नजर रख रही है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने सभी कमिश्नरेट और जिलों को अलर्ट पर रहने और अभिसूचना तंत्र को विशेष रूप से सतर्कता बरतने का आदेश दिया है। वर्ष 2019 में हुए सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान चिन्हित अराजक तत्वों पर भी पैनी निगाह रखी जा रही है। अफवाह फैलाने वालों पर तत्काल सख्त कार्रवाई करने को कहा गया है।



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