Cancer is continuously increasing despite awareness

कैंसर
– फोटो : istock

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कैंसर जानलेवा बीमारी है, इसके मरीजों का दायरा लगातार बढ़ रहा है। इससे बचाव को लेकर शासन व स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ निजी क्षेत्र में भी लगातार जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। मगर मरीजों का दायरा थमने के बजाय लगातार बढ़ रहा है। हाल ही में स्वास्थ्य विभाग ने गैर संचारी रोग अभियान से लोगों में कुछ जागरूकता तो आई मगर कैंसर के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। जिला स्तर की  स्क्रीनिंग रिपोर्ट पर गौर करें तो तीन साल में 36 पुरुषों में ओरल और 18 महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के मामले दर्ज किए हैं। जिनमें 30 से 50 उम्र वर्ग के महिला और पुरुष शामिल हैं। जेएन मेडिकल कॉलेज के आंकड़ों के अनुसार जागरूकता से कैंसर के 50 प्रतिशत खतरे को पहले ही कम किया जा सकता है। इसी को ध्यान में रखकर विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल द्वारा प्रत्येक वर्ष 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

जेएन मेडिकल कॉलेज में हर साल आते हैं चार हजार मरीज

जेएन मेडिकल कॉलेज में हर साल चार हजार से अधिक कैंसर के मरीज सामने आते हैं। वह भी एडवांस स्टेज में होते हैं। मेडिकल कॉलेज में कैंसर के उपचार के तहत सर्जरी, रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी की सुविधा उपलब्ध है। 50 बेड का कैंसर वार्ड है। यहां हाथरस, मथुरा, रामपुर, बदायूं, सहारनपुर, बुलंदशहर और बिहार तक के मरीज आते हैं। साल में करीब 100 बच्चे भी कैंसर से पीड़ित होकर आते हैं। 

सर्वाधिक परेशानी इस तरह की 

डॉक्टरों के अनुसार महिलाओं में सबसे अधिक गर्भाशय, स्तन और अंडाशय कैंसर देखने को मिलते हैं। समय से पहचान होने पर इसे रोका जा सकता है। पुरुष सबसे अधिक फेफड़े, गले और मुंह के कैंसर की चपेट में आते हैं। गुदा एवं गोल ब्लाडर के भी कैंसर सामने आते हैं। 

कैंसर के प्रति जागरूक करना बेहद जरूरी है। इसके लिए स्वास्थ्य केंद्रों से जुड़ी टीमें लगातार शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में प्रयासरत रहती हैं। अगर कैंसर शुरुआती समय में पकड़ में आ जाए तो खतरा न के बराबर रहता है।-डा.नीरज त्यागी, सीएमओ

लगभग एक तिहाई घातक कैंसर तंबाकू के उपयोग, उच्च बॉडी मास इंडेक्स, शारीरिक गतिविधि की कमी आदि से होते हैं, वहीं केवल तीन कैंसर दर्शनीय हैं, जिनका पता शुरुआत में स्क्रीनिंग द्वारा लगाया जा सकता है। जैसे मुंह,स्तन व सर्वाइकल कैंसर।-डॉ. रचित माथुर।

विकिरण चिकित्सा में कैंसर कोशिकाओं को मारने और ट्यूमर को सिकोडऩे के लिए विकिरण की हाई डोज का उपयोग किया जाता है और इसका लक्ष्य स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाए बिना कैंसर को नष्ट करना होता है।-मोहित गुप्ता।



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