
अशोक कुमार फाइल फोटो
मुसाफिरखाना (अमेठी)। लखनऊ-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग पर सोमवार की देररात सड़क दुर्घटना में बार एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष की मौत हो गई। कोतवाली पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। भाई की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
मुसाफिरखाना थाना क्षेत्र के बेसारा पश्चिम निवासी अशोक कुमार मौर्य (38) बाइक से दाउदपुर रिश्तेदारी जा रहे थे। रात लगभग 10 बजे वह बाइक से हाईवे स्थित कस्थुनी गांव के पास पहुंचे ही थे, कि तभी सामने से आई तेज रफ्तार कार ने बाइक को टक्कर मार दी। इसके बाद कार डिवाइडर से टकराई और पलट गई। कार सवार लोग घायल होने के बावजूद वाहन छोड़ कर मौके से भाग निकले।
इस दुर्घटना में अधिवक्ता अशोक कुमार मौर्य की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर दोनों वाहनों को कब्जे में लेकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस ने मृतक अधिवक्ता के भाई अखिलेश मौर्य की तहरीर पर कार चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। एसएचओ विवेक सिंह ने बताया कि जल्द ही कार सवार लोगों को पकड़ कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अधिवक्ता हेलमेट लगाए थे।
..अब बच्चों की कौन करेगा परिवरिश
अधिवक्ता की मौत की सूचना घर पहुंची तो पत्नी मिथिलेश बेसुध हो गईं। पत्नी की जुबान पर सिर्फ एक शब्द था कि अब कौन बच्चों की परिवरिश करेगा। पता होता कि अब नहीं लौटेंगे तो नहीं जाने देती। अशोक कुमार के पुत्र दीपांशु (17) व उत्कर्ष (11) के अलावा पुत्री अनन्या (15) का रो-रो कर बुरा हाल है। गांव के लोग गमगीन है। परिजनों को सांत्वना देने वालों की भी आंखें नम हो गईं।
बार एसोसिएशन में थे कोषाध्यक्ष
अशोक कुमार मौर्या मुसाफिरखाना तहसील में बार एसोसिएशन में कोषाध्यक्ष थे। मंगलवार सुबह अशोक की मौत की सूचना मिली तो अधिवक्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई।
बार एसोसिएशन अध्यक्ष केके सिंह की अध्यक्षता में बार सभागार में शोक सभा हुई। बैठक में मंगलवार को अधिवक्ता न्यायायिक कार्य से विरत रहे। बार अध्यक्ष केके सिंह ने बताया कि अधिवक्ता कल्याण निधि से मृतक के परिजन को दो लाख 75 हजार का चेक दिया जाएगा। सचिव अंजनी कुमार मिश्रा, संजय कुमार शुक्ल, प्रमोद श्रीवास्तव, सीपी सिंह, जगत राम पाल, पवन तिवारी सहित तहसील के अधिवक्ता उपस्थित रहे। अधिवक्ता के बाद मौत कलेक्ट्रेट में भी शीतला प्रसाद मिश्र व सूर्य प्रकाश मिश्र की मौजूदगी में अधिवक्ताओं ने दो मिनट का मौन रख मृत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।