राजधानी लखनऊ में घर पर बनाई गई कार्बाइड गन में विस्फोट से एक बच्चे की एक आंख को गंभीर चोट आई है। उसकी कार्निया को नुकसान पहुंचा है। इससे दृष्टि धुंधली हो गई है। परिजन बच्चे को आननफानन नजदीकी निजी नेत्र अस्पताल ले गए। वहां चिकित्सक ने उपचार के बाद बच्चे को डिस्चार्ज कर दिया। हालांकि, बताया कि अगले 72 घंटे बच्चे की दृष्टि के लिए निर्णायक हैं। यह लखनऊ का पहला मामला बताया जा रहा है। 

मामला बीकेटी क्षेत्र के सैरपुर गांव का है। गांव निवासी सात वर्षीय रचित ने सोशल मीडिया पर देखे गए वीडियो की नकल करते हुए घर में कार्बाइड गन बनाई। शनिवार की सुबह जब वह गन चलाने लगा तो वह नहीं चली। जांच करने के लिए वह पाइप में आंख लगाकर देखने लगा, इसी बीच धमाका हो गया। इसके बाद रचित का चेहरा और एक आंख क्षतिग्रस्त हो गई। उसे धुंधला दिखाई देने लगा।

परिजन उसे तुरंत बीकेटी के भोलापुरवा स्थित निजी नेत्र चिकित्सालय लेकर पहुंचे। वहां नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सुमित ने प्राथमिक उपचार किया। डॉ. सुमित ने बताया कि इस तरह का मामला उनके यहां पहली बार आया है। बच्चे की आंख की रोशनी पर लगभग 50 प्रतिशत असर हुआ है, लेकिन दवाओं से इसके सुधरने की उम्मीद है।

खतरनाक है कार्बाइड गन

इस मामले में बलरामपुर अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. संजीव गुप्ता ने चेतावनी दी है कि कार्बाइड गन प्रतिबंधित व खतरनाक है। इसके उपयोग से आंखों व चेहरे को गंभीर नुकसान हो सकता है। 

डॉ. संजीव के मुताबिक, कार्बाइड गन में प्रयुक्त कैल्शियम कार्बाइड औद्योगिक रसायन है। इसका इस्तेमाल वेल्डिंग, कटिंग और कुछ औद्योगिक प्रक्रियाओं में होता है। कैल्शियम कार्बाइड में पानी मिलाने से रासायनिक क्रिया होती है। इससे विस्फोट होता है।

उन्होंने अभिभावकों से अपील की है कि सोशल मीडिया पर दिखने वाले खतरनाक प्रयोगों की नकल न खुद करें और न बच्चों को करने दें। साथ ही बच्चों को कार्बाइड गन जैसी चीजों से दूर रखें।



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