
प्रतीकात्मक तस्वीर
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यूपी एथलेटिक्स एसोसिएशन के पूर्व सचिव पीके श्रीवास्तव के खिलाफ रेलवे पास की धोखाधड़ी के मामले में विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज किया है। उन पर रेलवे पास की वैधता समाप्त होने के बाद भी छलपूर्वक कई बार यात्रा करने का आरोप है। शासन के निर्देश पर इस मामले की विजिलेंस ने खुली जांच की थी, जिसमें आरोपों की पुष्टि हुई थी। विजिलेंस ने शासन से इस प्रकरण का मुकदमा दर्ज कर विवेचना की अनुमति मांगी थी।
बता दें कि विजिलेंस की खुली जांच में सामने आया था कि कानपुर निवासी पीके श्रीवास्तव को 13 नवंबर 1995 को प्रथम श्रेणी का रेलवे कार्ड पास जारी किया गया था, जिसकी वैधता एक वर्ष थी। इस पास के जरिए द्वितीय श्रेणी वातानुकूलित में अकेले यात्रा करने की अनुमति थी। जांच में सामने आया कि पास का दुरुपयोग करके कई बार एक से अधिक व्यक्तियों द्वारा यात्रा की गयी।
इसके अलावा पीके श्रीवास्तव ने पास को निरस्त नहीं कराया और रेलवे बोर्ड को वापस भी नहीं किया। वह पास की वैधता समाप्त होने के बाद उसका खुद ही नवीनीकरण करते रहे और धोखाधड़ी करके वर्ष 2014 तक कुल 306 रेल यात्राएं की। इससे रेल मंत्रालय को 6,03,405 रुपये की वित्तीय क्षति हुई। बता दें कि शासन ने उनके खिलाफ बीती नौ जनवरी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था।