यदुपति ट्रेड बिज के निदेशक से 69 लाख रुपये की साइबर ठगी के मामले में दो आरोपियों को रविवार को साइबर क्राइम टीम ने जाजमऊ से गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी लखनऊ के शहादतगंज निवासी हसन और ठाकुरगंज रानी कोठी नेपियर रोड काॅलोनी निवासी आशिम हैं। यह रिक्शा चालक के खाते का संचालन कर रहे थे, इसी खाते में ठगी के बाद पांच लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे। पुलिस को आरोपियों के पास से साइबर ठगी में इस्तेमाल किए गए तीन मोबाइल, चार चेकबुक और छह डेबिट कार्ड और एक कार बरामद हुई है।
यदुपति ट्रेड के निदेशक अनिल कुमार अग्रवाल के व्हाटसअप पर 20 जुलाई को एक अंजान नंबर से मैसेज आया था। डीपी में कंपनी के एमडी राघवपत सिंहानिया की फोटो लगी थी। मैसेज में नंबर को सेव करने का निर्देश था। अगले दिन 21 जुलाई को निदेशक के पास उसी नंबर से 1.97 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने का मैसेज आया। उस दिन राघवपत दिल्ली में थे और निदेशक वहां जा रहे थे। उन्होंने रुपये ट्रांसफर कर दिए। कार्यालय में निदेशक ने उनसे मुलाकात के बाद रुपये ट्रांसफर करने की जानकारी दी तो उन्होंने ऐसा कोई मैसेज भेजने से ही इन्कार कर दिया।
इसके बाद उन्हें ठगी का अहसास हुआ तो तुरंत 1930 पर कॉल कर राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराने के साथ ही साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद 1.28 करोड रुपये होल्ड करा दिए गए जबकि शातिरों ने 69 लाख रुपये कई खातों में ट्रांसफर कर दिए थे। जांच में सामने आया कि उनमें से एक बैंक खाता लखनऊ के रिक्शा चालक का है। पुलिस उस तक पहुंची तो उसने बताया कि खाता खुलवाने के बाद से उसका संचालन हसन और आशिम ही कर रहे थे। इसके बाद टीम ने उसकी मदद से दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। एडीसीपी क्राइम अंजली विश्वकर्मा ने बताया आरोपियों को पकड़ने के साथ मुख्य आरोपी की तलाश जारी है।