मृतक राजकुमार के शरीर पर चोटों के निशान
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अपने ही गुनाहों पर पर्दा डालने की नाकाम कोशिश जालौन पुलिस के लिए मुसीबत का सबब बनती जा रही है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया तो पुलिस महकमे में हडकंप मचा गया। आयोग ने 24 घंटे के अंदर पुलिस द्वारा पूरी रिपोर्ट न देने पर कड़ी नाराजगी जताई है।
डकोर थाने में अभिरक्षा के दौरान युवक की मौत पर पर्दा डालने, तथ्यों को छुपाने, परिजनों का यातना देने पर आयोग ने नाराजगी जताई है। पीडित पक्ष के परिजनों के बयान बदलवा कर वीडियो जारी करवाने को भी आयोग ने गंभीरता से लिया है। मामले से जुडे सभी बिंदुओ पर एक सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश जालौन पुलिस को दिया है। आयोग ने कहा कि जालौन में पुलिस हिरासत में यातना के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई। आयोग ने मीडिया रिपोर्ट का हवाला लेकर बताया कि पुलिसकर्मी पीड़ित राजकुमार के शव को बिना बताए जिला अस्पताल के आपातकालीन वार्ड के बाहर छोड़कर भाग गए। कथित तौर पर, घटना को छिपाने के प्रयास में, उन्होंने मृतक के परिवार के सदस्यों को भी अवैध रूप से पुलिस स्टेशन में हिरासत में रखा।