
किनारी बाजार में चांदी गलाने के कारखाने माैत का दावत रहे हैं। नियमों को ताक पर रख दिया गया है। संचालकों को न नियमों की परवाह है और न ही जान जाने का भय है। जिस कारखाने में विस्फोट हुआ, उसमें भूतल से जाने के लिए एक फुट की सीढ़ियां बनी हुई थीं। भूतल पर टंच की दुकान चल रही थी। दूसरी मंजिल पर कारखाने में भट्ठी चलाने के लिए 4 से अधिक एलपीजी के कामर्शियल सिलिंडर रखे हुए थे। इतना ही नहीं तीसरी मंजिल पर गोदाम में भी 3 सिलिंडर रखे मिले हैं।
कोतवाली स्थित किनारी बाजार, जाैहरी बाजार, नमक की मंडी में एक हजार से अधिक सराफा की दुकानें हैं। इनके साथ ही 100 से अधिक कारखाने संचालित हो रहे हैं। बाजारों में सुबह से ही भीड़ की वजह से चार और दोपहिया वाहन तो दूर पैदल निकलना भी मुश्किल हो जाता है। बाजार में कई मार्केट ऐसे हैं, जिनमें 10 से 15 फीट की दुकानें हैं। इनमें जाने के लिए छोटी सीढि़यां ही हैं। आने-जाने के लिए भी संकरे रास्ते हैं। इनमें ही चांदी कारखाने खोले हुए हैं।