
कोर्ट।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी न्यायिक सेवा सिविल जज (जूनियर डिवीजन) परीक्षा 2022 के परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने याचिका पर अंतरिम राहत देने से इन्कार करते हुए प्रदेश सरकार व उप्र संघ लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह व न्यायमूर्ति डी रमेश की खंडपीठ ने सुचेता राय की याचिका पर यह आदेश दिया है।
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याची के मुताबिक मुख्य लिखित परीक्षा में लिखे गए उनके उत्तरों के मुकाबले उन्हें कम अंक दिए गए हैं। यदि उसे एक या अधिक अंक दिए गए होते तो उसका चयन हो जाता। कोर्ट ने उत्तर पुस्तिका की जांच को लेकर पहले से लंबित मीनाक्षी की याचिका संग इसको भी संबद्ध कर दिया है। कोर्ट ने अंतरिम स्थगन की मांग अर्जी खारिज कर दी। कहा कि स्थगन जारी करने का कोई औचित्य नहीं है। अगली सुनवाई 16 सितंबर से शुरू होने वाले सप्ताह में होगी।