Chandan massacre: Could not take off uniform for hundred hours

रिपुदमन सिंह,तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक कोतवाली कासगंज।
– फोटो : संवाद

कासगंज। पुलिस लाइन में गणतंत्र दिवस की परेड चल रही थी। जिले के सभी अधिकारी व थानों की पुलिस मौजूद थी। इसी बीच तिरंगा यात्रा में हिंसा की खबर आई। बिना समय गंवाए अधिकारी और पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे।चंदन की हत्या के बाद हिंसा काफी भड़क गई। हालात ये थे कि 100 घंटे तक वर्दी तक नहीं उतार पाए। बिना नहाए ही लगातार ड्यूटी करते रहे और हिंसा पर काबू करने, दोषियों की गिरफ्तारी की कार्रवाई में जुटे रहे। सदर कोतवाली के तत्कालीन इंस्पेक्टर व चंदन हत्याकांड के प्रारंभिक विवेचक रिपुदमन सिंह ने घटना को याद करते हुए ये बातें कहीं।उन्होंने बताया कि वारदात के बाद प्रारंभिक चरण में उनके द्वारा न केवल नामजद आरेापियों की गिरफ्तारी की गई बल्कि उनके पास से अवैध हथियार भी बरामद किए गए। चंदन को जिस तमंचे से गोली मारी गई थी वह तमंचा हत्या के दोषी सलीम की निशानदेही पर बरामद हुआ था। इसके अलावा एक अवैध बंदूक व अन्य देसी तमंचे भी बरामद हुए थे। बताया कि इस मामले में एनआईए कोर्ट लखनऊ में उनकी चार दिन तक लगातार गवाही हुई और बयान दर्ज हुए थे।तत्कालीन इंस्पेक्टर रिपुदमन सिंह ने बताया कि इस हिंसा के दौरान आईजी रैंक के अधिकारी 8-8 घंटे की शिफ्ट में ड्यूटी कर रहे थे। कई जोन और रेंज से पुलिस के वरिष्ठ के अधिकारी व पुलिसकर्मी पहुंचे थे। बमुश्किल शहर में शांति व्यवस्था कायम हुई।

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