
इस मामले में पुणे निवासी मोहम्मद अहमद की भूमिका की जांच भी की जा रही है। वहीं दूसरी ओर ईडी ने भी छांगुर और उसके सहयोगियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ईडी ने छांगुर और उसके करीबियों के 40 बैंक खातों की जानकारी जुटाने के बाद आयकर विभाग से संचालकों के बीते 10 वर्ष के आयकर रिटर्न का ब्योरा मांगा है।
यह है पूरा मामला
यूपी के बलरामपुर में धर्मांतरण का अड्डा बनी छांगुर की पांच करोड़ की कोठी पूरी तरह धराशायी कर दी गई। धर्मांतरण और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के आरोपी छांगुर ने यह कोठी वर्ष 2022 में नीतू उर्फ नसरीन के नाम से बनवाई थी। दो दिन पहले मंगलवार को इसके ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की गई। 10 बुलडोजर तीन दिन में कोठी ढहा पाए। आखिर में मुख्य गेट को धराशाई कर दिया गया। यह गेट सुरक्षा को देखते हुए तैयार किया गया था। इस पर संगमरमर लगाया गया था।
40 कमरों की कोठी गिराने में करनी पड़ी मशक्कत
एटीएस द्वारा छांगुर की गिरफ्तारी के बाद सरकारी बंजर जमीन पर बनाई गई कोठी ढहाने की कवायद शुरू की गई। पिलर पर बनी 40 कमरों की कोठी को गिराने में प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी। एक मीटर भाग तोड़ने में एक घंटे से अधिक का समय लग रहा था। प्रतिदिन 10-10 घंटे बुलडोजर को चलाया गया। इसके बाद भी दो बिस्वा में बनी कोठी गिराने में तीन दिन लग गए।
दूसरी कोठी पर ताला लगाकर बढ़ा दी गई निगरानी
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोठी कितनी मजबूत बनाई गई थी। छांगुर ने एक ही परिसर में दो कोठी और एक अस्तबल बनवाया था। इसमें गेट के बाईं तरफ की कोठी गिरा दी गई है। इसके अलावा दूसरी कोठी वैध होने के कारण उसमें ताला लगा दिया गया है। इसकी निगरानी भी बढ़ा दी गई है। एसडीएम राजेंद्र बहादुर ने बताया कि अवैध निर्माण पूरी तरह ढहा दिया गया है। इसके साथ ही मुख्य गेट भी अवैध ही बना था। अंदर एक दूसरा गेट बनाया गया था, जो वैध था। उसे नहीं गिराया गया है।