
Chaudhary Charan Singh
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पूर्व प्रधानमंत्री, गृह मंत्री व उत्तर प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे चौधरी चरण सिंह यूपी के 12 वें भारत रत्न हो गए हैं। यूपी से पीएम बनने के बाद भारत रत्न पाने वाले वह छठे नेता हैं। उन्हें यह सम्मान मरणोंपरांत मिला। खास बात ये है कि देश व प्रदेश को नेतृत्व देने वाले चौधरी साहब को भारत रत्न के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा।
उनके बाद यूपी से प्रतिनिधित्व कर देश के पीएम बने स्वर्गीय राजीव गांधी व स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी को उनसे पहले भारत रत्न दिया जा चुका है। पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव को भी आज उनके साथ ही भारत रत्न देने की घोषणा की गई है। राव अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के समय देश के पीएम थे।
मूल रूप से नूरपुर, हापुड़ निवासी चौधरी चरण सिंह पहली बार छपरौली से 1937 में निर्वाचित हुए थे। वह यहां से छह बार विधायक रहे। 1952 में वह उत्तर प्रदेश के राजस्व मंत्री बने और उन्होंने जमींदारी उन्मूलन व भूमि सुधार एक्ट लागू किया। इससे किसानों को भूस्वामित्व मिला।
वहीं बिखरी खेती के लिए चकबंदी कानून, भूमि संरक्षण बिल भी उन्होंने लागू कराया। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के सहकारी खेती के प्रस्ताव का खुलकर विरोध किया था। उन्होंने 1967 में कांग्रेस से त्याग पत्र दे दिया।
