
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह
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चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने पर रालोद के राष्ट्रीय सचिव अनुपम मिश्रा कहते हैं कि जिस तरह अटल जी की स्वीकार्यता हर दल के नेताओं में थी, उसी तरह चौधरी चरण सिंह की स्वीकार्यता भी हर दल के नेताओं में थी।
अनुपम मिश्रा कहते हैं चौधरी जी के बारे में एक बात काफी चर्चित है कि जब वह प्रधानमंत्री थे, एक बार मेरठ में एक सामान्य किसान के रूप में एक थाने पहुंचे। वहां उन्होंने बताया कि वह किसान हैं और उनकी भैंस गायब हो गई है। उसकी गुमशुदगी रिपोर्ट नहीं लिखी जा रही थी।
बाद में थाने वालों ने ले-देकर भैस खोजने की बात कही। उन्होंने कहा कि वह पढ़े-लिखे नहीं हैं। इस पर पुलिस वाले ने उनसे लिखकर लिया और उनका अंगूठा लगवा लिया। पैसा देने पर भैंस खोजने की बात कही। इसी कागज पर बतौर पीएम उन्होंने मुहर लगाते हुए पूरे थाने को निलंबित किया था।
उन्होंने मंत्रियों को वेतन-बिल की सुविधा पास कराई थी। देश और प्रदेश की 70 फीसदी से ज्यादा कृषि आधारित व्यवस्था में यह सम्मान सभी किसानों-गरीबों का सम्मान है। यह खेतों और फसलों का सम्मान है। पीएम को धन्यवाद की उन्होंने बहुप्रतीक्षित मांग पर यह घोषणा की। यह करोडों किसानों, श्रमिकों, कामगारों का सम्मान है।
