
छांगुर बाबा से पीड़ित कई जिलों में शिकायतें कर रहे हैं। कार्रवाई होने के बाद लोगों के हौसले बुलंद हुए हैं, जिससे छांगुर के करतूत और उनसे जुड़े लोगों का नाम उजागर हो रहा है।
छांगुर ने अपने मूल गांव रेहरामाफी में उतरौला के मधपुर में ठिकाना भी इसलिए ही बनाया था ताकि उससे मिलने वालों को लोगों की नजर से बचाया जा सके। जांच एजेसिंयों को मिलने वालों में ऐसे लोगों की जानकारी हुई जो धर्मांतरण को बढ़ावा देते हैं।
अभिलेखों में संस्थाओं की पड़ताल
अब छांगुर के मधपुर स्थित आवास से मिले अभिलेखों में संस्थाओं की पड़ताल हो रही है। एजेंसियां अब उन संस्थाओं के संबंधों की कड़ियों के सहारे छांगुर के रिश्तों की पहचान करने में जुटी हैं।
नेपाल में छांगुर गिरोह की गतिविधियों की पड़ताल
अभी तक केरल, चेन्नई, कर्नाटक, महाराष्ट्र आदि प्रदेशों में छांगुर के सहयोगियों की जानकारी मिली है। इसके साथ ही नेपाल में छांगुर गिरोह की गतिविधियों की पड़ताल हो रही है। इस जांच से कई राज भी खुलने की संभावना है।