अलीगढ़ में अतरौली तहसील के गांव नरौना आकापुर के कंपोजिट स्कूल परिसर में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र पर चूरन समझकर सल्फास चाटने वाले सात बच्चों की तबीयत में सुधार हुआ है। इन बच्चों ने 26 घंटे के बाद 2 अगस्त की दोपहर को पानी पीया है। यह सभी जेएन मेडिकल कालेज में चिकित्सकों की कड़ी निगरानी में हैं। एक बच्चे की हालत अभी भी गंभीर बताई जा रही है। मेडिकल प्रशासन का कहना है कि सभी की हालत में सुधार है। अभी निगरानी में ही रहेंगे।

1 अगस्त को सुबह 11 बजे आठ बच्चों ने आंगनबाड़ी केंद्र पर चूरन समझकर सल्फास चाट लिया था। जब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इसकी जानकारी हुई तो तत्काल बच्चों को ग्रामीणों की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया। इनमें मुस्कान (3) पुत्री वीरेश, निखिल (4) पुत्र डोरीलाल, राधिका (4) और रोशनी (3) पुत्री सोनू, नेहा (5) और काव्या (4) पुत्री प्रशांत, सुमन (5) और यशकुमार पुत्र प्रेमशंकर हैं। यह सभी अतरौली के गांव नरौना आकापुर के रहने वाले हैं। 

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दरअसल एक बच्ची गेहूं को घुन से बचाने में प्रयोग होने वाला सल्फास घर से चूरन समझकर उठा लाई थी। उसने जब आंगनबाड़ी केंद्र पर उसे चूरन समझकर खोला तो उसके साथ ही सात दूसरे बच्चों ने भी उसे चाट लिया था। अस्पताल में तत्काल उपचार शुरू हो गया। सभी को ऑक्सीजन लगाई गई थी। ग्लूकोज चढ़ाया गया। 

2 अगस्त को ऑक्सीजन हटा दी गई। बच्चों की हालत में सुधार होने पर उन्हें स्पेशल वार्ड में भर्ती करा दिया गया है। चौबीस घंटे कड़ी निगरानी के बाद छह बच्चों को 26 घंटे बाद शनिवार दोपहर एक बजे से पानी दिया गया, जबकि एक बच्चे को दोपहर तीन बजे पानी दिया गया। एक बच्चे को पानी नहीं दिया गया है। डॉक्टरों के अनुसार, बच्चों की हालत पर नजर रखी जा रही है। हालत में सुधार है। डीपीओ केके राय ने बताया कि बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार होने पर उन्हें पानी पिलाया गया है।



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