
भजन गायक चित्र-विचित्र
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मथुरा के फरह स्थित पं. दीनदयाल स्मृति महोत्सव के आखिरी दिन बुधवार की रात की शाम चित्र- विचित्र के भजनों पर श्रद्धालु झूमने पर मजबूर हो गए। भजन गायन गायक चित्र- विचित्र की जोड़ी ने भजनों की ऐसी तान छेड़ी कि दीनदयाल में लोग मंत्रमुग्ध हो गए।
भजन संध्या का शुभारंभ मेला समिति अध्यक्ष सोहनलाल शर्मा मंत्री, मनीष अग्रवाल कोषाध्यक्ष नरेंद्र पाठक और प्रचारक डॉ दिनेश ने किया। चित्र-वित्रित की जोड़ी ने जब कजरारे मोटे-मोटे तेरे नैन… और सांवरे को दिल में बसा कर तो देखो…. भजन की प्रस्तुति दी तो पंडाल में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी। करतल ध्वनि के साथ राधे-राधे… के स्वर और मेरी विनती यही है राधा रानी… भजन पर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए।
मेला का संपूर्ण वातावरण राधा की भक्ति में डूबता नजर आया। भजन संध्या के दौरान चित्र- विचित्र की जोड़ी ने साज के साथ चलो रे मन वृंदावन धाम रहेंगे… राधा-राधा नाम सुनाया तो माहौल वृंदावन जैसा हो गया। भजनों पर पंडाल तालिया और राधे-राधे की गूंज से महकता रहा और मेला का वातावरण भक्तिमय हो गया। इस भक्ति धारा के साथ ही पं० दीनदयाल उपाध्याय के चार दिवसीय जन्मोत्सव मेला का समापन हो गया।
चार दिनी मेला के दौरान लगभग एक लाख से अधिक लोगों ने मेले का आनंद लिया। कार्यक्रम संयोजक आशीष माहेश्वरी, पंकज शर्मा, मुरलीधर शर्मा, पीपी शर्मा, स्मारक समिति के निदेशक सोनपाल, क्षेत्रपाल शर्मा, जगमोहन पाठक, नरेश कटारा, सुरेश तरकर मौजूद रहे।