खरीफ की फसल हुई बर्बाद, रबी से लगी आस

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अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। इस बार झांसी पर मेघ खूब मेहरबान हुए, जिससे बारिश ने पिछले पांच साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। साल 2018-19 के बाद इस बार अच्छी बारिश हुई। मौसम विभाग ने जिले में 30 सितंबर तक 806 मिमी बारिश दर्ज की है, जो बारिश के सामान्य आंकड़े (825 मिमी) के बेहद करीब है।

झांसी की पहचान देश और प्रदेश के सूखाग्रस्त इलाकों में होती है। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मन की बात में इसका जिक्र किया था लेकिन इस बार बारिश ने झांसी को खूब भिगोया है। हालांकि, मानसूनी सीजन के जून और जुलाई सूखे ही गुजर गए थे। अगस्त में भी थोड़ी बारिश हुई थी। मानसून के आखिरी पड़ाव पर पहुंचने पर सितंबर माह में दो-तीन दिनों तक मूसलाधार बारिश हुई थी, जिससे इस बार बारिश का आंकड़ा बढ़कर 806 मिमी पर पहुंच गई है। इससे पहले, साल 2018-19 में 710.17 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। इसके बाद के सालों में बारिश का आंकड़ा कभी सात सौ मिमी को भी नहीं छू पाया।

हालांकि, बाद के दिनों में हुई बारिश से खरीफ की मूंग, उड़द, तिल और मूंगफली की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। प्रभावित किसानों को शासन की ओर से मुआवजा उपलब्ध कराया जा रहा है। लेकिन अच्छी बारिश की वजह से आगामी रबी सीजन के लिए आस बंध गई है। कृषि मौसम विज्ञान केंद्र भरारी के वैज्ञानिक डा. आदित्य सिंह ने बताया कि अच्छी बारिश की वजह से मिट्टी में पर्याप्त नमी है। नदी, तालाब और बांध भी लबालब भरे हुए हैं। यह स्थिति रबी की फसलों के लिए एकदम उपयुक्त है।

पिछले वर्षों में बारिश की स्थिति

वर्ष वर्षा (मिमी में)

2013-14 1380.8

2014-15 542.77

2015-16 470.30

2016-17 561.11

2017-18 391.33

2018-19 710.17

2019-20 562.22

2020-21 402.58

2021-22 664.72

2022-23 687.85

2023-24 806.00



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