
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
पीसीएस के प्रशिक्षु अधिकारियों से मुलाकात कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहा कि आप सभी उस महत्वपूर्ण कड़ी का हिस्सा बनने जा रहे हैं, जहां समस्याओं को बहुत नजदीक से सुनने का अवसर मिलेगा। एक आम आदमी के दर्द को महसूस करने का अवसर मिलेगा। व्यक्ति तभी फेल होता है, जब वह छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज करता है।
मुख्यमंत्री ने उनसे कहा कि पीसीएस अधिकारी प्रशासनिक व्यवस्था की रीढ़ हैं। कानून-व्यवस्था और विकास कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों का लाभ जनता तक पहुंचे, इसके लिए जरूरी है कि प्रशासनिक अधिकारी मुद्दों से भली-भांति परिचित हों। उन्हें अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभाने के लिए मेहनती के साथ-साथ तेजी से फैसले लेने में सक्षम होना चाहिए। नसीहत देते हुए कहा कि मामलों का निस्तारण पारदर्शी ढंग से करें और गरीब, कमजोर तथा वंचितों को लेकर संवेदनशील बनें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपके लिए छोटी सी चीज किसी दूसरे के लिए बड़ी भी हो सकती है। उदाहरण देते हुए कहा कि खेत की पैमाइश आपके लिए छोटी हो सकती है, लेकिन जिसका परिवार उस खेत पर आश्रित है और उस पर कोई दबंग कब्जा करना चाहता है तो वह पीड़ित व्यक्ति के लिए बहुत बड़ी घटना होती है। राजस्व से जुड़े मामलों को लटकाने की प्रवृत्ति से दूर रहने की नसीहत भी दी क्योंकि उसका असर आम आदमी पर पड़ता है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संवाद लोकतंत्र की ताकत है और हमें इसका इस्तेमाल करना होगा।
आपका व्यावहारिक पक्ष अच्छा है, तो जनता की समस्याएं नहीं अटकेंगी और जनप्रतिनिधियों के साथ भी आपका बेहतर संवाद होगा। समस्याओं से जुड़े विभाग जैसे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और थाने में संवाद स्थापित कर मेरिट के आधार पर शिकायतों व समस्याओं का निस्तारण करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने आईजीआरएस पोर्टल, सीएम हेल्पलाइन, तहसील दिवस और थाना दिवस की व्यवस्था को प्रभावी बनाया है। शिकायतकर्ता की संतुष्टि ही समस्या के निस्तारण का अन्तिम मापदंड है। उन्हें बताया कि जनता की 90 प्रतिशत शिकायतें थाना और तहसील से जुड़ी होती हैं।