यूपी के अयोध्या में शुक्रवार को राजसदन के परिसर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘टाइमलेस अयोध्या; साहित्य एवं कला उत्सव’ का उद्घाटन किया। यह उद्घाटन सत्र अयोध्या का मर्म छेड़ने वाला सिद्ध हुआ। सीएम ने कहा कि इसका उद्घाटन किया तो अयोध्या की विरासत नए सिरे से प्रवाहमान होती दिखी। जिसने राम पर लिखा वह महान हुआ। अयोध्या सनातन धर्म की आधार भूमि है। सीएम ने कहा कि हमारी तीन पीढ़ियों ने राम मंदिर के लिए आंदोलन किया। राम मंदिर के लिए सत्ता भी गंवानी पड़े तो मंजूर है।
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मुख्यमंत्री योगी ने सबसे पहले वैदिक मंत्रोच्चार के बीच अशोक के पौधे को जल अर्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच राजसदन में उनका पारंपरिक तरीके से अभिनंदन हुआ। इस मौके पर सीएम ने कहा कि यह केवल एक शहर नहीं, बल्कि धर्म और साहित्य की प्रेरणा स्थली है।
महर्षि वाल्मीकि ने राम कथा को विश्वभर में अमर कर दिया
सीएम ने कहा कि दिव्य-दैवी नगरी की विशिष्टता बताते हुए कहा कि भगवान मनु ने यहीं से मानव धर्म की नींव रखी। यही भूमि श्री हरि विष्णु के अवतार प्रभु श्रीराम की कर्मभूमि बनी। रामायण दुनिया का पहला महाकाव्य बना, जिसने साहित्य को नई दिशा दी। जिस प्रकार महर्षि वाल्मीकि ने राम कथा को विश्वभर में अमर कर दिया, उसी प्रकार आज भी अयोध्या से जुड़ी हर रचना लोगों के हृदय को छूती है। रामायण और रामचरितमानस आज भी दुनिया के हर कोने और देश के हर घर में पढ़े और सराहे जाते हैं।