CM Yogi said: Before 2017, there used to be food grain scam in the state

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।
– फोटो : अमर उजाला

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि 2017 के पहले प्रदेश में खाद्यान्न घोटाला होता था। जिलों में गरीबों के खाद्यान्न पर डाका डाला जाता था। हमने सरकार बनने के बाद जब प्रदेश में 80 हजार से अधिक राशन की उचित दर की दुकानों पर एक साथ छापा मरवाया, तो 30 लाख फर्जी राशन कार्ड मिले। इनके नाम पर राशन तो निकलता था, लेकिन किसी जरूरतमंद को नहीं मिलता था। वहीं आज उत्तर प्रदेश की सार्वजनिक वितरण प्रणाली देश में सबसे उत्कृष्ट है।

सीएम योगी ने शुक्रवार को आरटीआई भवन में राज्य सूचना आयोग की शिकायतों व द्वितीय अपीलों की ई-फाइलिंग व ऑनलाइन सुनवाई की सुविधा के लिए ऑनलाइन पोर्टल (सीएटीएस-यूपीएसआईसी) व मोबाइल ऐप (कंप्लेंट व अपील ट्रैकिंग सिस्टम-उप्र स्टेट इन्फॉर्मेशन कमीशन) का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में बड़ी संख्या में लोगों को बिना किसी घटतौली और देरी के खाद्यान्न मिल रहा है। इससे सरकार को प्रति वर्ष 1200 करोड़ रुपए की बचत हो रही है।

सीएम ने कहा कि तकनीकी किसी व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन लाने का सशक्त माध्यम बन सकती है। इस ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल ऐप के शुरू होने से किसी भी व्यक्ति को अपनी शिकायतों के लिए राज्य सूचना आयोग के कार्यालय भौतिक रूप से नहीं आना पड़ेगा। उन्होंने खुशी जताई कि आज उत्तर प्रदेश, देश का पहला राज्य बन गया है, जिसके सूचना आयोग के पास शिकायतों के निस्तारण के लिए अपना साफ्टवेयर और ऐप है। कार्यक्रम में राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त भावेश कुमार सिंह, प्रदेश के सूचना आयुक्त आदि उपस्थित थे।

ई-सुनवाई आज की जरूरत, बाबू इसमें रोड़ा

सीएम ने कहा कि ई-हियरिंग (सुनवाई) आज समय की मांग है, लेकिन बाबू (क्लर्क) लोग इसे होने नहीं देंगे। क्योंकि वह इन्हीं चीजों का दुरुपयोग करते हैं। हमें पूरी शक्ति के साथ इस दिशा में आगे बढ़ना होगा, तभी लोगों का लोकतंत्र में विश्वास मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि तीन साल के अंदर राज्य सूचना आयोग ने 110000 से अधिक मामलों का निस्तारण किया है। 85 हजार नए मामले आए हैं। अगर तकनीकी का सही प्रयोग करते हुए बेहतर टीम वर्क के साथ काम किया गया तो आने वाले समय में सभी मामलों का समयबद्ध निस्तारण होगा।

सीएम हेल्पलाइन से एक साल में 22 लाख मामलों का निस्तारण

सीएम योगी ने कहा कि 2017 में जब हमारी सरकार बनी तो राजस्व विभाग में वरासत, नामांतरण और पैमाइश के 12 लाख मामले लंबित थे। हमने इस दिशा में मिशन मोड में काम शुरू किया। अगले दो महीने में लाखों मामलों का निस्तारण किया गया। हमने आईजीआरएस पोर्टल विकसित किया, इससे राजस्व विभाग से जुड़े मामलों के निस्तारण में तेजी आई। आम लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए हमारी सरकार ने सीएम हेल्प लाइन 1076 शुरू की। सिर्फ आईजीआरएस पोर्टल और सीएम हेल्प लाइन के माध्यम से 2017-18 में 22 लाख से अधिक मामलों का निस्तारण किया गया। इससे प्रदेश के लोगों की संतुष्टि का स्तर बढ़ा है। इसी से ईज ऑफ लिविंग का रास्ता भी शुरू होता है।

 



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