CM Yogi said: Strict action will be taken against illegal mining, accountability of DM and mining officer will

सीएम योगी आदित्यनाथ
– फोटो : अमर उजाला

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 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के कामकाज की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में 2407.20 करोड़ रुपये राजस्व की प्राप्ति हुई है। इसमें और वृद्धि की अपेक्षा है। राजस्व प्राप्ति के लिए जिलाधिकारी और जिला खनन अधिकारी की जवाबदेही तय की जाए। सोनभद्र, बांदा, कौशांबी और महोबा में खनन के लिहाज से राजस्व वृद्धि की असीम संभावनाएं हैं। कम राजस्व प्राप्त करने वाले जिलों में बढ़ोतरी के उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शासन, विभाग और जिलास्तर पर लंबित आवेदन पत्रों पर शीघ्रता से निर्णय लेकर कार्रवाई बढ़ाई जाए।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि नदी के कैचमेंट एरिया में किसी भी तरह के अवैध खनन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। तकनीक का उपयोग करते हुए इसे सख्ती से रोका जाए। स्वीकृत खनन क्षेत्र के अंदर खनन कर रहे वाहनों पर व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम (वीटीएस) लगाया जाए, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि खनन स्वीकृत क्षेत्र में ही हो रहा है या नहीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य राज्यों से प्रदेश में उपखनिज का परिवहन करने वाले वाहनों की वैधता की जांच के लिए उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान व मध्य प्रदेश से एपीआई इंटीग्रेशन किया गया है। अवैध खनन को रोकने के लिए टास्क फोर्स समय-समय पर छापे मारती रहें। छापेमारी के दौरान विभागीय अधिकारी, प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहें। इसकी वीडियोग्राफी भी नियमित कराई जाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि विभाग के विभिन्न स्तर पर अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए। जून से अगस्त के मध्य ही वर्ष भर की कार्ययोजना तैयार की जाए। परिवहन विभाग के अफसरों को निर्देश दिए कि मार्ग दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तेजी से प्रयास करें। सड़कों के किनारे ओवरलोड वाहन कतई न खड़े किए जाएं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कर चोरी और ओवरलोडिंग रोकने के लिए जिलों में 55 चेक गेट्स स्थापित किए गए हैं। इन पर शीघ्र ही वे-इन-मोशन संयंत्र लगाए जाएं। ओवरलोडिंग हर हाल में जीरो पॉइंट पर ही रोकी जाए। केंद्रीय खनन मंत्रालय ने स्टेट माइनिंग रेडिनेंश इंडेक्स तैयार किए जाने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में विभिन्न विभागों के समन्वय से आवश्यक सूचनाओं की समय से उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

ईंट भट्टों में न किया जाए उपजाऊ मिट्टी का उपयोग

मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों के किनारे मिट्टी-बालू तथा सिल्ट का प्रयोग ईंट बनाने में किया जाए। यह पर्यावरण को बचाने में कारगर होगा। उपजाऊ जमीन की मिट्टी का प्रयोग ईंट भट्ठों में न किया जाए।



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