CM Yogi's instructions: Complete school and university examinations by May 15 at any cost, syllabus should als

सीएम योगी ने दिए निर्देश।
– फोटो : अमर उजाला

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 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत उच्च शिक्षण संस्थानों में आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए गुणवत्तापूर्ण एवं रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध कराने पर फोकस करने को कहा है। साथ ही उन्होंने शैक्षिक सत्र को समय से समाप्त करने पर जोर देते हुए स्कूल से विश्वविद्यालय तक की वार्षिक परीक्षाओं को हर हाल में 15 मई तक संपन्न कराने के साथ ही पाठ्यक्रम को भी करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने उच्च शिक्षण संस्थानों में जीईआर (ग्रास इनरोलमेंट रेसिओ) को आगले 10 साल में 25 से बढ़ाकर 50 फीसदी करने का भी लक्ष्य दिया है।

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मुख्यमंत्री रविवार को बेसिक, माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक, व्यावसायिक, कृषि तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिवों के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन और कार्यक्रमों की समीक्षा कर रहे थे। सीएम ने कहा कि यूपी एनईपी लागू करने में अग्रणी है। हर मंडल में विश्वविद्यालय होने से ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो को बेहतर करने में सहायता मिल रही है। अब तक पिछले वित्तीय वर्ष में 53 हजार से अधिक युवा इस योजना से जुड़े हैं। उन्होंने पाठ्यक्रम में मूल्यपरक, कौशल आधारित शिक्षा पर फोकस करने के साथ ही रटने की प्रवृत्ति कम करने के लिए परीक्षा मॉडल में बदलाव करने के भी निर्देश दिए हैं। 

सीएम ने सभी शिशिक्षुओं को स्टाइपेंड का भुगतान समय से करने, एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट ( एबीसी) प्लेटफार्म पर सभी छात्रों का पंजीकरण अनिवार्य करने, मल्टीपल एंट्री और मल्टीपल एक्ज़िट प्रणाली को लागू करने और माध्यमिक विद्यालयों में व्यावसायिक प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने आज़मगढ़ स्थित महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय में साहित्यकार, विचारक राहुल सांकृत्यायन के नाम पर शोधपीठ शीघ्र स्थापित करने को कहा है।

कृषि शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए सीएम ने कृषि शिक्षण संस्थानों के विनियमन संस्था की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि उप्र कृषि अनुसंधान परिषद (उपकार) जैसी संस्था उपयोगी हो सकती है। उन्होंने चारो कृषि विश्वविद्यालयों में इन्क्यूबेशन सेंटर और कृषि से संबंधित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने का काम तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

बाल वाटिकाओं को उपयोगी बनाएं

मुख्यमंत्री ने प्री-प्राइमरी शिक्षण व्यवस्था को और प्रभावी बनाने के लिए 88,000 आंगनबाड़ी केंद्रों को ”बाल वाटिका” में उपयोगी बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए महिला एवं बाल विकास तथा बेसिक शिक्षा विभाग मिलकर काम करें। उन्होंने कहा, सभी विद्यालयों में कक्षा एक व दो में ही एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की किताबें उपलब्ध होनी चाहिए।



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