
Coconut oil
– फोटो : अमर उजाला
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आत्महत्या के बढ़ते मामलों के बीच सल्फास खाकर खुदकुशी करने के मामले लगातार सामने आते रहते हैं। सल्फास खाकर जान देने की कोशिश करने वालों की जान नारियल के तेल के जरिये बचाई जा सकती है। झांसी मेडिकल कॉलेज के तीन डॉक्टरों ने जनवरी 2022 से जुलाई 2023 के बीच 87 रोगियों पर इसका शोध किया।
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शोध के दौरान 18 बेहद गंभीर मरीजों से आठ लोगों की जान बचाने में कामयाबी भी मिली। अब इसकी बड़े चिकित्सा संस्थानों में ट्रायल की तैयारी है। डॉ. नूतन अग्रवाल, डॉ. जकी सिद्दीकी व डॉ. क्षितिज नाथ के अनुसार, सल्फास खाने वाले मरीजों का सबसे पहले ग्लूकोज के जरिए गैस्ट्रिक लैवज कराया जाता है।
इस प्रक्रिया में पेट के भीतर विषाक्त पदार्थों को निकालने के लिए एक ट्यूब के माध्यम से तरल भेजा जाता है। शोध के तहत इन रोगियों को डेढ़ लीटर नारियल तेल से गैस्ट्रिक लैवेज कराया गया तो आठ लोगों की जान बचाई गई। शोध की इस सफलता का जर्नल में प्रकाशन हो चुका है।
सबसे खतरनाक होता है सील पैक सल्फास
डॉ. जकी सिद्दीकी ने बताया कि खुले सल्फास से ज्यादा खतरनाक पैक सल्फास होता है। खुले में रखी हुई सल्फास की तीक्षणता कम हो जाती है, जबकि पैक सल्फास शरीर में पहुंचते ही अपना असर दिखाने लगती है।