Banda News: जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि वह तकरीबन ब्रेन डेड की स्थिति में भर्ती हुई थी। पाखाने का अलग रास्ता बनाने के लिए ऑपरेशन करने के लिए बच्ची के पिता ने अनुमति नहीं दी थी।


Coma deep coma then the innocent left the world the doctor said towards which brutality is this world heading

मासूम को अस्पताल लेकर जातीं थानाध्यक्ष
– फोटो : amar ujala


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मासूम तो बस टॉफी लेने गई थी… किसी को क्या पता था कि लौटकर कभी मां की गोद में मुस्कराएगी भी नहीं। तीन साल की नन्हीं बच्ची को दरिंदे ने मासूमियत के नाम पर ऐसी सजा दी कि इंसानियत भी शर्म से झुक गई। फिर भी बच्ची ने हिम्मत नहीं हारी…और पूरे आठ दिन तक कानपुर के हैलट अस्पताल में जिंदगी से जंग लड़ती रही।

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आखिरकार…माता-पिता और इलाज कर रहे डॉक्टर से मासूम कुछ कह भी नहीं पाई और आंखों में दर्द समेटकर दुनिया को आठवें दिन बुधवार को अलविदा कह गई। चिल्ला थाना क्षेत्र के एक गांव में बीते मंगलवार (तीन जून) को तीन साल की मासूम के साथ एक शादीशुदा युवक सुनील निषाद ने टॉफी और पान मसाला लाने का झांसा देकर उसे अपने घर बुलाया।



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