Condition of Agra RTO Help desk locked brokers dominate people wander

आरटीओ आगरा
– फोटो : अमर उजाला

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आगरा के संभागीय परिवहन विभाग में लोगों की सहायता करने वाली हेल्प डेस्क पर ताला लगा हुआ है। कार्य कराने के लिए दलाल मजबूरी बन चुके हैं। इसलिए कार्यालय के अंदर और बाहर दलालों का बोलबाला हैं।

ड्राइविंग लाइसेंस, फिटनेस, चालान, परमिट आदि कार्य के लिए प्रतिदिन हजारों लोग आरटीओ कार्यालय आते हैं। यहां कोई भी कार्य करना आसान नहीं है। किसी को अपने पुराने वाहन की फाइल निकलवानी है, तो पहले संबंधित कर्मचारी का कमरा खोजना होगा। उसके बाद फाइल खोजने के नाम पर तीन से पांच दिन चक्कर लगवाए जाएंगे। इसी प्रकार ड्राइविंग लाइसेंस का आवेदन करने से टेस्ट तक के लिए भटकना होगा। लोगों की मदद के लिए पुरानी बिल्डिंग में हेल्प डेस्क बनाई गई, यह बंद है।

ऑनलाइन में भी सेंधमारी

वैसे तो आरटीओ में हर कार्य ऑनलाइन होने का दावा किया जाता है लेकिन सच्चाई अलग है। लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन से लेकर टेस्ट में पास कराने तक के लिए दलालों ने अपने कंप्यूटर सेंटर बना लिए हैं।

कुर्सी और टेबल से सारे काम

कार्यालय के बाहर कई दलाल केवल कुर्सी और मेज डालकर बैठे रहते हैं। गेट पर लोगों को घेर लिया जाता है। कोई व्यक्ति सीधे कार्य कराने का प्रयास करता है, तो कागजों की कमी निकालकर कर्मचारी चक्कर लगवाते रहते हैं।

चस्पा किया चेतावनी पत्र

एआरटीओ (प्रशासन) की तरफ से हेल्प डेस्क पर एक चेतावनी पत्र भी लगाया गया है। कर्मचारियों के पूछताछ केंद्र पर न बैठने को लेकर नाराजगी भी प्रकट की गई है। हर दिन के हिसाब से अलग-अलग कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई है लेकिन बैठता कोई नहीं है।

दलाल के बिना कोई काम नहीं

न्यू आगरा निवासी विकास शर्मा  ने बताया कि आरटीओ कार्यालय में कोई भी काम दलाल के बिना नहीं हो सकता है। एक फॉर्म की जानकारी तक कर्मचारी नहीं देते है। इस कारण दलाल से काम कराना पड़ता है। 

जल्द होगी कार्रवाई

 एआरटीओ (प्रशासन) एनसी शर्मा ने बताया कि लोगों की सहायता के लिए हेल्प डेस्क बनवाई गई। जिन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है, वह बैठ नहीं रहे हैं। इस पर चेतावनी पत्र जारी किया गया है। इस पर जल्द कार्रवाई होगी। 



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