अमर उजाला नेटवर्क, अलीगढ़
Published by: चमन शर्मा

Updated Thu, 18 Sep 2025 11:26 AM IST

अलीगढ़ में जेएन मेडिकल कॉलेज से लेकर दीनदयाल अस्पताल व जिला अस्पताल तक की इमरजेंसी में हर दिन मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत बताकर इधर से उधर रेफर किया जाता है। मरीज साधन संपन्न या सक्षम है तो इंतजाम कर लेता है लेकिन गरीब व कमजोर वर्ग के मरीज या तो सरकारी सिस्टम के सहारे हैं या फिर कर्ज लेने को मजबूर हो जाता है।


condition of ventilators in Aligarh government hospitals

जिला अस्पताल में एसएनसीयू बंद है, इसमे लगे वेंटिलेटर पर धूल जम रही है
– फोटो : संवाद



विस्तार


गरीब-कमजोर वर्ग के मरीजों को सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर नहीं मिलता। निजी अस्पताल का खर्च इतना कि उसे कर्ज के सहारे अपने मरीज के उपचार को मजबूर होना पड़ता है जबकि दीनदयाल संयुक्त चिकित्सालय व जिला अस्पताल में साढ़े तीन करोड़ रुपये के वेंटिलेटर धूल फांक रहे हैं। इनमें 25 वेंटिलेडर दीनदयाल व 10 जिला अस्पताल में रखे हैं।

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दीनदयाल अस्पताल में बंद पड़ी एक्स-रे-मशीन

अलीगढ़ जिले में जेएन मेडिकल कॉलेज से लेकर दीनदयाल अस्पताल व जिला अस्पताल तक की इमरजेंसी में हर दिन मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत बताकर इधर से उधर रेफर किया जाता है। मरीज साधन संपन्न या सक्षम है तो इंतजाम कर लेता है लेकिन गरीब व कमजोर वर्ग के मरीज या तो सरकारी सिस्टम के सहारे हैं या फिर कर्ज लेने को मजबूर हो जाता है।


ये बिल्कुल सही है कि हमारे यहां सर्वाधिक वेंटिलेटर हैं। अभी हम जितने वेंटिलेटर प्रयोग कर रहे हैं, उतने चिकित्सक हैं। बाकी स्टाफ व विषय विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए समय समय पर प्रदेश स्तर पर लिखा जाता है। तभी उनका भी प्रयोग हो सकेगा। बाकी जो भी सामान बंद है, उसे दिखवाया जाएगा। – डॉ. एमके माथुर, सीएमएस दीनदयाल अस्पताल।




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