Congress committee wants Rahul Gandhi to not leave Raebareli seat.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी।
– फोटो : amarujala.com

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी वायनाड छोड़ रायबरेली से सांसद बने रह सकते हैं। इसके लिए प्रदेश नेतृत्व की ओर से केंद्रीय कमेटी को प्रस्ताव भेजा जा रहा है। दूसरी तरफ प्रदेश की सियासी नब्ज पर नजर रखने वाले भी इस कदम को कांग्रेस के लिए हितकर बता रहे हैं। उनका तर्क है कि राहुल गांधी के रायबरेली से सांसद रहने से समूचे उत्तर भारत में पार्टी को फायदा मिलेगा।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी वायनाड से 3.64 लाख मतों से और रायबरेली से 3.90 लाख मतों से चुनाव जीते हैं। वायनाड में उन्हें 59.69 फीसदी और रायबरेली में 66.17 फीसदी मत मिला है। अब राहुल गांधी वायनाड छोड़ेंगे अथवा रायबरेली इसे लेकर चर्चा तेज हो गई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि प्रदेश के सभी नेता और कार्यकर्ता चाहते हैं कि वह रायबरेली ही रहेंगे। 

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शुक्रवार को प्रदेश कार्यालय में होने वाली बैठक में राहुल गांधी को रायबरेली में रोकने का प्रस्ताव पारित किया जाएगा। उसे केंद्रीय नेतृत्व को भेजा जाएगा। प्रदेश की सियासी नब्ज पर नजर रखने वाले और 10 मई को लखनऊ में हुए संविधान बचाओ सम्मेलन के संयोजक मंडल में शामिल पूर्व जिला जज बीडी नकवी कहते हैं कि राहुल गांधी ने जिस तरह से आरक्षण और रोजगार का मुद्दा उठाया, उससे युवाओं में उत्साह बढ़ा और कांग्रेस को लोकसभा में छह सीटें मिलीं। जिन सीटों पर हार मिली है, वहां भी कांग्रेस का वोटबैंक बढ़ा है। ऐसे में राहुल गांधी को रायबरेली सांसद रहते हुए उत्तर प्रदेश में सक्रियता बढ़ानी चाहिए। इसका फायदा समूचे उत्तर भारत में मिलेगा। कांग्रेस की ओर अल्पसंख्यक और दलित दोनों का रुझान है।



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