राहुल गांधी ने प्रयागराज में दो टूक कहा कि जाति जनगणना और आरक्षण में 50 फीसदी की सीमा खत्म करना उनके लिए राजनीति नहीं है। भविष्य में अगर इसकी वजह से राजनीतिक नुकसान भी होता है तो भी इसे करुंगा। उनके इस बयान ने पिछड़े वर्ग की सियासत को हवा दी है। इ


Congress is focusing on OBC, Dalit and Muslim in Uttar Pradesh.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे।
– फोटो : ANI

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कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में पिछड़ा, मुस्लिम और दलित (पीएमडी) दांव चला है। यहां के तीन वरिष्ठ नेताओं को केंद्रीय कमेटी में शामिल करते हुए नई जिम्मेदारी सौंपी है। इसमें राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के खास माने जाने वाले शाहनवाज आलम और सुशील पासी को राष्ट्रीय सचिव बनाते हुए बिहार का सह प्रभारी बनाया है। इसी तरह गुर्जर समाज से आने वाले विदित चौधरी को राष्ट्रीय सचिव बनाकर हिमाचल व चंडीगढ़ का सह प्रभारी बनाया है।

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कांग्रेस की ओर से उत्तर प्रदेश में लगातार सामाजिक न्याय को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। राहुल गांधी ने प्रयागराज में दो टूक कहा कि जाति जनगणना और आरक्षण में 50 फीसदी की सीमा खत्म करना उनके लिए राजनीति नहीं है। भविष्य में अगर इसकी वजह से राजनीतिक नुकसान भी होता है तो भी इसे करुंगा। उनके इस बयान ने पिछड़े वर्ग की सियासत को हवा दी है। इस बयान के सप्ताहभर बाद ही राष्ट्रीय सचिवों की नियुक्ति में उत्तर प्रदेश की भागीदारी बढ़ा दी है। इस भागीदारी के जरिये सियासी समीकरण भी साधे गए हैं। प्रदेश की सियासी नब्ज पर नजर रखने वालों का तर्क है कि पिछड़े-मुसलमानों के साथ ही दलितों में पासी समाज को लेकर कांग्रेस निरंतर मुहिम चला रही है। सुशील पासी के जरिये इस मुहिम को गति दी गई है।

सह प्रभारियों को रखा बरकरार

कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के सह प्रभारियों को भी बरकरार रखा है। राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर, तौकीर आलम, प्रदीप नरवाल, निलांशु चतुर्वेदी, राजेश तिवारी और सत्यनारायण पटेल पहले की तरह उत्तर प्रदेश में कार्य करते रहेंगे। इसके भी सियासी संदेश हैं।



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