उरई । रविवार दोपहर पुलिस ने दो बदमाशों को एनकाउंटर में मार गिराया। दोनों बदमाशों पर 4 दिन पहले यानी 10 मई को ड्यूटी के दौरान सिपाही भेदजीत सिंह की हत्या करने का आरोप है। उरई के फैक्ट्री इलाके में हुई इस मुठभेड़ में इंस्पेक्टर को भी गोली लगी है।
एसपी ई राजा ने बताया, हमें मुखबिर से सूचना मिली थी कि दोनों बदमाश उरई के पास फैक्ट्री एरिया में आने वाले हैं। हम मौके पर पहुंच गए। वहां टीमें बनाकर घेराबंदी की। दोनों बदमाश वहां पहुंचे तो पुलिस ने रुकने का इशारा किया। लेकिन, बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। इसमें उरई एसएचओ के हाथ पर गोली लगी।
इसके बाद पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की। गोली लगने से दोनों बदमाश घायल हो गए। दोनों को जिला अस्पताल लाया गया। वहां डॉक्टर ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। मारे गए एक अपराधी का नाम कल्लू अहिरवार। जबकि दूसरे का नाम रमेश है। दोनों उरई के ही रहने वाले थे।
एनकाउंटर में दोनों बदमाशों को गोली लगी। पुलिस उनको जिला अस्पताल लेकर आई। वहां डॉक्टरों ने दोनों को जांच के बाद मृत घोषित कर दिया।
एनकाउंटर में दोनों बदमाशों को गोली लगी। पुलिस उनको जिला अस्पताल लेकर आई। वहां डॉक्टरों ने दोनों को जांच के बाद मृत घोषित कर दिया।
उरई के फैक्ट्री एरिया सूनसान इलाका है। पुलिस ने यहां बदमाशों को रोकने की कोशिश की तो दोनों ने फायरिंग कर दी। एनकाउंटर में उरई कोतवाली के एसएचओ भी घायल हुए हैं।
उरई के फैक्ट्री एरिया सूनसान इलाका है। पुलिस ने यहां बदमाशों को रोकने की कोशिश की तो दोनों ने फायरिंग कर दी। एनकाउंटर में उरई कोतवाली के एसएचओ भी घायल हुए हैं।
दोनों बदमाश बाइक से थे। एनकाउंटर के बाद स्पॉट पर फॉरेसिंक की टीम पहुंची। वहां जांच पड़ताल की।
दोनों बदमाश बाइक से थे।
एसपी ने बताया कि 10 मई की रात सिपाही भेदजीत की हत्या की थी। भेदजीत ने ड्यूटी के दौरान इन दोनों बदमाशों को रोकने का प्रयास किया था। इसके बाद इन दोनों ने उस पर फायरिंग कर दी। जब भेदजीत सिंह फायरिंग से बच गया तो इन्होंने नुकीली चीज और तमंचे की बट से भेदजीत पर हमला कर दिया। इससे उनकी मौत हो गई थी। ये दोनों अपराधी किस्म के थे। पहले भी कई घटनाओं में शामिल रहे हैं।
एसपी के मुताबिक, जहां पर भेदजीत की हत्या हुई थी वहां से उसका फोन गायब था। पुलिस उसके फोन की तलाश कर रही थी। इसी बीच, पुलिस को भेदजीत के फोन की लोकेशन इन दोनों के पास मिली। पुलिस ने जांच शुरू की थी।
एनकाउंटर में उरई कोतवाली के एसएचओ शिव कुमार राठौर के भी हाथ में गोली लगी है। उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
एनकाउंटर में उरई कोतवाली के एसएचओ शिव कुमार राठौर के भी हाथ में गोली लगी है। उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
एक बदमाश का परिवार गायब, दूसरा 4 दिन से घर नहीं गया था
फैक्ट्री एरिया में रोडवेज डिपो कार्यालय के पास जहां पुलिस ने एनकाउंटर किया। वहां से करीब एक किमी. दूर दोनों बदमाशों का घर है। कल्लू अहिरवार राहिया उरई का रहने वाला था। जबकि दूसरा बदमाश रमेश सरसौखी उरई का रहने वाला था। दोनों के गांव अगल-बगल में हैं। रमेश मजदूरी करता था। जबकि कल्लू दोना-पत्तल बनाने का काम करता था।
एनकाउंटर में मारा गया रमेश शादीशुदा था। उसके दो बेटे और 1 बेटी थी। रमेश किराए के मकान में रहता था। आसपास के लोगों का कहना है कि रमेश का परिवार 3-4 दिन पहले कहीं चला गया था। कहां गया है? इस बारे में उनको पता नहीं है।
वहीं, दूसरे आरोपी कल्लू के पिता ने बताया कि उनका बेटा 4 दिन पहले किसी की शादी में जाने की बात कहकर घर से निकला था। उसके बाद से वापस नहीं आया है। उन्होंने कहा, “मेरे दो बेटों में कल्लू छोटा था। उससे ज्यादा बातचीत नहीं होती है। वह रात में जब घर आता था, तब तक मैं सो जाता था। मैं डिपो में सफाई का काम करता हूं। कल्लू की उम्र 22 साल थी।
भेदजीत का भाई बोला- पुलिस की कार्रवाई से खुश
दोनों बदमाशों के एनकाउंटर के बाद मृतक सिपाही भेदजीत के भाई महाजीत ने कहा, “पुलिस की कार्रवाई से खुश हूं। पुलिस ने दोनों हत्यारों को ढेर कर दिया है। ऐसे लोग अपने स्वार्थ के लिए लोगों की हत्या कर देते हैं और झेलना मरने वाले के परिवार को पड़ता है। मेरा बस अब सरकार से यही कहना है कि मेरे भाई को शहीद का दर्जा मिले और उसके परिवार को सहायता मिले। जिससे उनका जीवन सही से चल सके।
सेना से रिटायर होने के बाद भेदजीत ने पुलिस ज्वाइन की थी
भेदजीत उरई कोतवाली की हाईवे स्थित पुलिस चौकी पर ड्यूटी कर रहे थे। तभी रात के करीब डेढ़ बजे संदिग्ध बाइक सवार दिखाई दिए। इस पर सिपाही ने उनके चेहरे पर टॉर्च जलाकर उन्हें रोकने की कोशिश की। इसके बाद बदमाशों ने सिपाही पर हमला कर दिया। नुकीली चीज मारकर उनकी हत्या कर दी थी। सेना से रिटायर होने के बाद भेदजीत सिंह ने पुलिस की नौकरी ज्वाइन की थी।
4 मई को ड्यूटी के दौरान बदमाशों ने इनकी हत्या कर दी थी। भेदजीत ने सेना से रिटायर होने के बाद पुलिस ज्वाइन की थी।4 मई को ड्यूटी के दौरान बदमाशों ने इनकी हत्या कर दी थी। भेदजीत ने सेना से रिटायर होने के बाद पुलिस ज्वाइन की थी।