Controversy over fish oil and fat in Tirupati's Prasadam Laddu Anger in saint community

तिरुपति मंदिर के प्रसाद को लेकर हुआ विवाद
– फोटो : पीटीआई

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वृंदावन में धर्म रक्षा संघ की शनिवार को श्रीभागवत मंदिरम, गोपाल खार में महंत डॉ. आदित्यानंद महाराज की अध्यक्षता में संगोष्ठी आयोजित हुई। इसमें आंध्र प्रदेश में तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू प्रसाद में गाय की चर्बी और मछली के तेल आदि की मिलावट पर आक्रोश जताया गया।

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धर्म रक्षा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने कहा कि यह सनातन विरोधियों की सोची समझी चाल है। मार्गदर्शक महंत मोहिनी बिहारी शरण ने कहा कि तिरुपति बालाजी के प्रसादम में जो मिलावट की गई है वह अक्षम्य अपराध है। संत समाज में इसके प्रति आक्रोश है। महंत डॉ. आदित्यानंद महाराज ने कहा कि तिरुपति बालाजी के प्रसादम में गाय की चर्बी मिलाकर हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ करने वालों को तत्काल गिरफ्तार किया जाना चाहिए।

महामंडलेश्वर स्वामी कृष्णानंद महाराज ने कहा कि सनातन धर्म विरोधी आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी और प्रसादम के घी में गाय की चर्बी मिलाने वाले एआर डेयरी प्रोडक्ट के मालिक को सरकार तुरंत गिरफ्तार कर कठोर से कठोर सजा दे। राष्ट्रीय संयोजक आचार्य बद्रीश महाराज ने कहा कि भारत के हिंदू मंदिरों का सरकारीकरण समाप्त कर एक सनातन मंदिर बोर्ड का गठन किया जाए, तभी मंदिरों की मर्यादा का पालन हो सकेगा।

इस मौके पर राष्ट्रीय महामंत्री श्रीदास प्रजापति, बृजकिशोर पचौरी, अमित शर्मा, शिवांग कृष्ण शास्त्री, कृष्ण कुमार तिवारी, सिमरन पुरी, सुमित कृष्ण शास्त्री, लक्ष्य भारद्वाज उपस्थित थे।

तिरुपति बालाजी प्रकरण दंडनीय अपराध

श्रीहरिदास पीठाधीश्वर इतिहासकार आचार्य प्रहलाद वल्लभ गोस्वामी ने कहा कि तिरुपति बालाजी प्रकरण सिर्फ निंदनीय ही नहीं, अपितु दंडनीय अपराध है। इस अक्षम्य अपराध से असंख्य सनातन धर्मावलंबियों की आस्था पर कुठाराघात हुआ है। इसमें संलिप्त अपराधियों पर अविलंब कठोरतम कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।

 



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