
तेज धूप से बचाव के लिए दुपट्टा डालकर निकलतीं युवतियां
अमेठी सिटी। बढ़ते तापमान से हर कोई अब परेशान है। तेज धूप से सिर्फ गर्मी ही नहीं त्वचा के साथ आंखें भी चुभ रही हैं। लोगों को चिकित्सकों का सहारा लेना पड़ रहा है। गर्म हवा और उमस ने लोगों को बेचैन कर दिया। तापमान अधिकतम 44.5 तक पहुंच रहा है तो लू ने भी लोगों को बेहाल कर रही है। जून के दूसरे सप्ताह में पहली प्री मानसून की बारिश के इंतजार के बीच भीषण गर्मी से जिले के लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है। बुधवार सुबह करीब 9 बजे से धूप के तेवर दिखने लगे। सड़कों पर दिनभर सन्नाटा पसरा रहा। दोपहर आते-आते चिलचिलाती धूप से तपन और बढ़ गई। दोपहर की तेज धूप से बचाव के लिए लोगों ने गमछे व छाते का सहारा लिया, लेकिन राहत नहीं मिली। दोपहर होते-होते शहर के मार्गों पर आवागमन काफी कम हो गया। राहगीरों से लेकर घरों, बसों, ट्रेनों और दुकानों में बैठे लोग परेशान दिखे।
सुबह 10 बजे के बाद से लोग घरों से बहुत जरूरी होने पर ही चेहरे को पूरी तरह से कपड़ों से ढक कर ही निकलते दिखे।
मांग बढ़ते ही एसी व कूलर का स्टॉक खत्म
गर्मी बढ़ने के साथ पंखा, कूलर व एसी की बिक्री में तेजी से वृद्धि हुई है। गौरीगंज शहर में इलेक्ट्रॉनिक सामानों के विक्रेता आशुतोष चौरसिया ने बताया कि मांग बढ़ने के चलते स्टॉक समाप्त हो गया है। नया स्टॉक मंगाना पड़ रहा है। ज्यादातर लोग एसी व कूलर को फाइनेंस करा रहे हैं। चौक बाजार में संचालित दुकानदार रामकरन विश्वकर्मा ने कहा कि कई वर्षों की तुलना में इस बार पंखा, कूलर व एसी की बिक्री में लगभग तीन गुना की वृद्धि हुई है। यदि इसी प्रकार से गर्मी पड़ती रही तो इनकी बिक्री में और भी तेजी आएगी।
इनसेट
तेजी से सूख रही नमी
किसानों द्वारा अतिरिक्त आय के लिए अपने खेतों में सब्जी व जायद की खेती की गई है। चिलचिलाती धूप व उमस भरी गर्मी के कारण खेतों की नमी तेजी से कम हो रही है। किसान खेत में लगी मेंथा, गन्ना, मक्का, उड़द, लोबिया, तोरई, प्याज, भिंडी, खीरा आदि लतादार सब्जियों व फलों को सूखने से बचाने के लिए बार-बार सिंचाई करने को मजबूर हैं।
पशुओं को छाया वाले हवादार स्थान पर रखें
पशु चिकित्सकों के अनुसार ऐसे में पशुओं में पानी व नमक की कमी, भूख कम होना एवं कम दूध उत्पादन जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। इसलिए पशुओं को गर्मी से बचाने का प्रयास करें। चिकित्सकों ने दुधारू पशुओं को दोपहर से शाम पांच बजे तक छाया वाले तथा हवादार स्थान पर रखने की सलाह दी है। पशुओं को दिन में चार से पांच बार ताजा पानी पिलाना आवश्यक है।
गर्मी से इस तरह करें बचाव
– तेज धूप में जाने से बचे, दोपहर 12 से 3 बजे तक घर के अंदर ही रहें।
– घर से बाहर निकलते समय सिर पर कैप या कपड़ा रखें।
– आंखों को धूप से बचाव के लिए काले रंग का चश्मा लगाएं।
– थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहे, पीने के पानी की बोतल साथ में रखे।
– ज्यादा देर धूप में न रहे, धूप से आते ही ठंडा पानी या अन्य ठंडा पेय पदार्थ न पीये, थोड़ी देर बाद पीयें।
– सूती कपड़े ज्यादा पहने और शरीर को ज्यादा से ज्यादा ढकने वाले कपड़े पहने।
– तरल पदार्थों का सेवन ज्यादा करें।
– मौसमी फल तरबूज, खरबूजा, ककड़ी, खीरा आदि का सेवन ज्यादा करें।
– कोई समस्या होती है तो तुरंत चिकित्सक की सलाह से उपचार कराएं।
ताजा व संतुलित और पौष्टिक आहार लें
गौरीगंज सीएचसी अधीक्षक डॉ. राजीव सौरभ ने बताया कि यदि किसी जरूरी काम से निकल भी रहे हैं तो सिर ढककर निकलें। पानी समय-समय पर पीते रहें। इस समय ताजा, संतुलित और पौष्टिक आहार लें। रात के समय हल्का भोजन करें। पेय पदार्थों का अधिक सेवन अधिक करें।