
सांकेतिक तस्वीर
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सहकारी बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी ने अपने परिजनों के खाते में करीब 10 करोड़ रुपये जमा कराए थे। पत्नी के नाम पर होटल बनवाया था। घोटाले की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद स्पेशल ऑडिट टीम ने जांच की। इसमें अब तक 102 करोड़ 52 लाख की धोखाधड़ी सामने आई है। पुलिस आठ नामजद व सात अन्य जिनके जांच में नाम आए उनको जेल भेज चुकी है।
शहर कोतवाली क्षेत्र के नौरंगाबाद चौकी के पास मुख्य शाखा कचहरी रोड पर स्थित सहकारी बैंक में हुए घोटाले पर उप महाप्रबधंक उमेश कुमार की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज की गई थी। 16 जुलाई को हुई रिपोर्ट में 24 करोड़ 18 लाख 66 हजार आठ सौ 65 रुपये का गबन व 72 लाख 30 हजार 13 रुपये अनियमितता दर्शायी गई है। मामले में मुख्य आरोपी वरिष्ठ शाखा प्रबंधक अखिलेश चतुर्वेदी (निलंबित) सहित 10 लोगों के नाम हैं। इसमें आठ नामजद व सात अन्य जिनके जांच में नाम आए उन्हें जेल भेजा चुका है।
अखिलेश चतुर्वेदी ने बैंक के इंटरसोल, इंटरेस्ट पैड बचत खाता व इंटरेस्ट पैड एफडी लोन के धन को एफडी, लोन को निष्क्रिय खातों से बैंक के करीब 10 करोड़ रुपये अपने परिजनों के खाते में भिजवाए थे। इसमें आरोपी ने अपनी व बैंक के अन्य कर्मचारियों की आईडी पासवर्ड का इस्तेमाल किया था। एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने बताया कि अखिलेश ने खुद ही चेकर और मेकर बनकर बैंक में घोटाला किया है।
आरोपी ने अपनी पत्नी मालती चतुर्वेदी के सिविल लाइन स्थित रॉयल गैलेक्सी के नाम से होटल का निर्माण कराया था। जिसकी वर्तमान में कीमत 12 करोड़ रुपये आंकी गई है। 30 सितंबर को होटल की कुर्क की कार्रवाई की जा चुकी है। बैंक की मुख्य शाखा व 28 अन्य शाखाओं का द्वितीय वर्ष 2022 व वर्ष 2023-2024 के लिए मित्तल निर्भय एंड कंपनी चार्टर्ड एकाउंटेंट फंड से विशेष ऑडिट कराया है। इस ऑडिट रिपोर्ट में करीब 102 करोड़ का घोटाला आंका गया है। इसको भी विवेचक निरीक्षक भोला प्रसाद रस्तोगी ने जांच में शामिल कर लिया है।