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संवाद न्यूज एजेंसी
गरौठा। बृहस्पतिवार को मारकुआं साधन सहकारी समिति के कार्यालय को पहले सील कर दिया गया, लेकिन दो घंटे बाद ही कार्यालय खोल दिया गया। इसके बाद आनन-फानन में सेवानिवृत्त सचिव को समिति का चार्ज सौंप दिया गया। यह घटनाक्रम क्षेत्र में चर्चाओं में बना हुआ है। बृहस्पतिवार सहायक आयुक्त सहकारिता ने मारकुआं साधन सहकारी समिति के कार्यालय को पहले सील कर दिया। लेकिन, इसके दो घंटे बाद ही नायब तहसीलदार गरौठा की उपस्थिति में समिति का का ताला खुलवाकर चार्ज सेवानिवृत्त सचिव महेंद्र प्रताप सिंह को सौंप दिया गया। बता दें कि महेंद्र प्रताप सिंह के सेवानिवृत्त होने के बाद इंचार्ज सचिव राजेश कुमार को बनाया गया था। वह अस्वस्थ होने की वजह से पांच दिनों से मेडिकल अवकाश पर चल रहे हैं।
इस घटनाक्रम के सामने आने के बाद ग्राम पुछी निवासी मारकुआं समिति के पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार गुप्ता सहित गांव के लोगों ने आरोप लगाया कि सेवानिवृत्त सचिव के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई मामले विचाराधीन हैं। समिति पर 4.63 करोड़ रुपये की बकायेदारी भी है। इसके बाद भी सहकारिता विभाग के अधिकारी उसका खुला सहयोग कर रहे हैं। आरोप है कि सेवानिवृत्त होने के बाद भी 82 हजार की डीएपी यूरिया खाद्य सेवानिवृत्त सचिव द्वारा बेच दी गई। इसके बाद भी अधिकारियों द्वारा इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं, राजेश सिंह ने बताया कि सहकारिता विभाग को सात बार पत्र भेजने के बाद भी पूर्व सचिव द्वारा समिति का पूरा चार्ज नहीं दिया गया।
वहीं, इस बारे में एआर कॉपरेटिव उदय शंकर ने बताया कि महेंद्र प्रताप सिंह को हाईकोर्ट के आदेश पर मारकुआं साधन सहकारी समिति का चार्ज सौंपा गया है।