बरेली जंक्शन से साढ़े तीन साल की बच्ची का अपहरण करने के आरोपी शाहजहांपुर निवासी दंपती नन्हे और कुसुम को बुधवार को जीआरपी ने गिरफ्तार कर लिया। बच्ची भी सकुशल मिल गई है। उसके माता-पिता के सुपुर्द कर दिया गया है। जीआरपी का दावा है कि दंपती ने बच्ची को बेचने के लिए अगवा किया था।
इंस्पेक्टर जीआरपी परवेज खान ने बताया कि हरिद्वार निवासी मोनू अपनी पत्नी रूपवती के साथ 28 अगस्त को दवा लेने बरेली आए थे। रूपवती दवा लेने चली गई और मोनू अपनी साढ़े तीन साल की बेटी के साथ जंक्शन के प्लेटफॉर्म पर चादर बिछाकर सो गया। वह सोकर उठा तो देखा कि बेटी उसके पास नहीं है।
उसने जीआरपी और आरपीएफ थानों में सूचना दी। इसके बाद जंक्शन पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई। इसमें एक महिला बच्ची को गोद में लेकर जाती हुई स्पष्ट दिखी। एसपी जीआरपी आशुतोष शुक्ला ने बच्ची की तलाश के लिए सर्विलांस समेत बरेली, मुरादाबाद और गाजियाबाद की पांच टीमों को लगाया।
सौ से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी
सीओ जीआरपी मनोज वर्मा ने बताया कि बच्ची की तलाश में टीमों ने 100 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज की जांच की और सर्विलांस का सहारा लिया। इस दौरान बच्ची को ले जा रही महिला की पहचान शाहजहांपुर के थाना गढि़या रंगीन के मोहल्ला बड़ी बाजार निवासी कुसुम के रूप में हुई। हाल में वह और उसका पति नन्हे जलालाबाद में फर्रुखाबाद रोड पर रहते हैं। बुधवार को नन्हे और कुसुम बच्ची को बेचने के लिए कहीं ले जा रहे थे। इससे पहले इनको गिरफ्तार कर लिया गया।