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मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र से सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी के नफरती भाषण के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/ विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) डॉ. केपी सिंह की अदालत ने कहा कि राजनीतिक क्षेत्र जैसे लोक सेवा में नफरत या भड़काऊ भाषण की कोई जगह नहीं है। यह तब और गंभीर हो जाता है, जब आशय धर्म के आधार पर अव्यवस्था करके चुनाव को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करने की हो। 

अदालत ने कहा कि जिले में नियुक्त अधिकारी आदर्श आचार संहिता के समय चुनाव आयोग के सीधे नियंत्रण में होते हैं। उन्हें चुनाव बाद रोककर हिसाब-किताब किए जाने की धमकी दी जाती है तो निश्चित रूप से यह अप्रत्यक्ष रूप से मतदाताओं के मन में भी डर का भाव पैदा करना है। 

भारत जैसे विविधता भरे देश में भड़काऊ भाषण से देश व समाज की भी क्षति होती है। ऐसे जनप्रतिनिधि चुनाव जीतने के बाद अपना पूरा समय विपक्षियों को सबक सिखाने में बर्बाद करेंगे, जिसकी लोकतंत्र और समाज में न कोई जगह है न वह स्वीकार्य है।




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court said there is no place for hate or provocative speech in public service like political field

सजा सुनाए जाने के बाद निराश दिखे अब्बास
– फोटो : Amar Ujala


दंड देने का एक सामाजिक उद्देश्य होता है

अदालत ने कहा कि दांडिक मामले में दंड निर्धारित किए जाने से पहले अपराध की प्रकृति व परिस्थितियों और अभियुक्तों की भागीदारी का संज्ञान लिए जाने की आवश्यकता होती है। आपराधिक मामले में दंड दिए जाने का एक सामाजिक उद्देश्य होता है।

दोषसिद्ध व्यक्तियों को न केवल इस बात का यह अहसास होना चाहिए कि उनके द्वारा अपराध किया गया है। बल्कि, पीड़ित पक्ष को भी यह अहसास होना चाहिए कि उसके साथ न्याय हुआ है। इसी प्रकार दंड दिए जाने का उद्देश्य यह भी होना चाहिए कि समाज में यह संदेश जा सके कि अपराध करने पर गंभीर रूप से दंडित किया जा सकता है।


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अब्बास अंसारी कोर्ट में जाते
– फोटो : Amar Ujala


दंड देने में नरमी दोषसिद्ध का मनोबल बढ़ाना होगा

अदालत ने कहा कि यदि  दंड देने में नरमी की जाती है, तब संभवतः यह उन लोगों का मनोबल बढ़ाना होगा जो चुनावी प्रतिद्वंद्विता को व्यक्ति शत्रुता समझ लेते हैं। साथ ही, सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने का प्रयास करते हैं। उनके इस बर्ताव का खामियाजा आम जनमानस को भुगतना पड़ता है। अभियुक्त अब्बास अंसारी के गंभीर आपराधिक इतिहास देखते हुए परिवीक्षा का लाभ देने का कोई औचित्य नहीं है। इसलिए परिवीक्षा का प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाता है।


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कोर्ट में पेशी के लिए जाते अब्बास अंसारी।
– फोटो : अमर उजाला


सुबह 11:30 बजे दोषी करार, 1:45 बजे सुनाई गई सजा

कुल पांच धाराओं में नफरती भाषण के दोषी सदर विधायक अब्बास अंसारी अपने छोटे भाई उमर अंसारी के साथ शनिवार की सुबह साढ़े नौ बजे दो गाड़ियों से पहुंचे। 


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कोर्ट के बाहर तैनात पुलिस।
– फोटो : अमर उजाला


इससे पहले एलेक्शन एजेंट और चचेरा भाई मसूद अंसारी सुबह साढ़े आठ बजे ही कोर्ट में पहुंच गए थे। कोर्ट में चेकिंग के बाद उनके अधिवक्ता और बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दारोगा सिंह उन्हें अपने साथ बार के पुस्तकालय कक्ष में लेकर पहुंचे। इसके बाद अपने छोटे भाई के साथ सीजेएम कोर्ट पहुंचे।




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