{“_id”:”67b367f5badbfd2c5c04ee61″,”slug”:”court-sentenced-accused-to-20-years-imprisonment-in-jhansi-misdeed-case-2025-02-17″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”UP: बेर खिलाने के बहाने आरोपी ने बच्ची संग किया दुष्कर्म, कोर्ट ने सुनाई 20 साल की सजा, 55 हजार का जुर्माना”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
कोर्ट (सांकेतिक तस्वीर) – फोटो : अमर उजाला।
विस्तार
झांसी में नौ वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) मोहम्मद नेयाज अहमद अंसारी के न्यायालय ने महज एक साल में सुनवाई पूरी कर दोषी को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। 55 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया।
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अभियोजन पक्ष के अनुसार, 27 फरवरी 2023 को वादी ने थाना सकरार में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी पुत्री 14 फरवरी 2023 को स्कूल से घर आ रही थी। रास्ते में राधे पुरोहित ने बेर खिलाने के बहाने पुत्री को खेत में ले जाकर दुष्कर्म किया। धमकी दी कि किसी से कहा तो जान से मार दूंगा। पुत्री ने घर आकर पूरी बात बताई। पुलिस ने अभियुक्त राधेतात उर्फ राधे पुरोहित के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया।
विवेचना के बाद अभियुक्त के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया। सुनवाई के दौरान प्रस्तुत साक्ष्यों और नवाहों के बयान के आधार पर दोष सिद्ध होने पर राधे पुरोहित को सजा सुनाई गई। जुर्माने की संपूर्ण धनराशि पीड़िता को दी जाएगी। इसका उपयोग पीड़िता के पुनर्वास के लिए किया जाएगा।
उपस्थिति रजिस्टर में उलटफेर पर फंसे प्रधानाध्यापक
उपस्थिति रजिस्टर में उलटफेर के मामले में ब्लॉक बंगरा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कनौय स्थित प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक मनोज नगरिया के खिलाफ विभागीय जांच एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश कोर्ट ने दिया है। विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो एक्ट) विजय सिंह कुशवाहा ने बताया कि अनियमित एवं मनमाने ढंग से तैयार की गई फरवरी 2023 कक्षा-3 की उपस्थिति पंजिका में पीड़िता को वारदात वाले दिन ही नहीं रविवार को अवकाश होने के बाद भी अनुपस्थित दर्शा दिया गया।
रजिस्टर न्यायालय के समक्ष पीड़िता की उपस्थिति साबित किए जाने के लिए प्रस्तुत किया गया। जिस पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए न्यायालय ने विभागीय जाच तथा अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजा है। कहा कि कानूनी कार्यवाही कर एक माह में न्यायालय को अवगत कराएं।