संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा

Updated Sat, 26 Jul 2025 01:59 AM IST

Criminal liability ends on the death of the accused but revenue will be recovered



मैनपुरी। बिजली चोरी के मामलों में आरोपी की मृत्यु हो जाने पर आपराधिक दायित्व तो समाप्त हो जाएगा, लेकिन उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन का राजस्व वसूली का अधिकार अप्रभावित रहेगा। मृतक के वारिसों से वसूली की स्वतंत्रता रहेगी। मैनपुरी के स्पेशल जज (ईसी एक्ट) राकेश पटेल की अदालत ने यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कानून के जानकारों का कहना है कि इस प्रकार के हजारों केस लंबित हैं। उनमें यह फैसला नजीर बनेगा।यह मामला थाना भोगांव के बड़ा बाजार निवासी मोहम्मद बहारुद्दीन पुत्र हाजी अलाउद्दीन से संबंधित है। 30 जुलाई 2011 को जेई विनोद कुमार ने बहारुद्दीन के यहां 35,660 रुपये बिजली बिल बकाया होने के कारण कनेक्शन अस्थायी रूप से काट दिया था। बाद में चेकिंग के दौरान मोहम्मद बहारुद्दीन बिना बिल जमा किए अवैध रूप से बिजली का इस्तेमाल करते पाए गए। जेई विनोद कुमार ने थाना भोगांव में इस संबंध में मुकदमा दर्ज कराया था।पुलिस ने जांच के बाद अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। कई सालों से मोहम्मद बहारुद्दीन के खिलाफ वारंट जारी थे। हाल ही में थाना भोगांव पुलिस द्वारा की गई वारंट तामीला में पता चला कि मोहम्मद बहारुद्दीन की मृत्यु 11 वर्ष पहले ही हो चुकी है। पुलिस ने अदालत में मोहम्मद बहारुद्दीन की मृत्यु की पुष्टि की।इस पर न्यायाधीश राकेश पटेल ने आरोपी बहारुद्दीन के विरुद्ध दर्ज मुकदमे में उनके आपराधिक दायित्व को खत्म कर दिया। हालांकि, अदालत ने आदेश में स्पष्ट किया कि यह निर्णय पावर कॉर्पोरेशन के राजस्व वसूली के अधिकारों को प्रभावित नहीं करेगा। न्यायाधीश ने कहा कि बहारुद्दीन पर बकाया बिजली बिल और अन्य राजस्व राशि उनके वारिसानों से वसूल करने के लिए उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन स्वतंत्र रहेगा।

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